भारत में पति पत्नी के ऊपर सबसे अधिक चुटकुले बनाए जाते हैं। चुटकुलों में हमेशा दिखाया जाता है कि कैसे पति अपनी पत्नी से परेशान रहता है और कैसे पत्नी अपने पति को हमेशा आड़े हाथों लेती है। लेकिन जो भी हो पति-पत्नी का रिश्ता एक पवित्र रिश्ता माना जाता है। हमेशा एक दूसरे का साथ निभाने की कसम खाने के बाद पति पत्नी जीवनसाथी बनते हैं। समाज में देखा जाता है कि परिवार के किसी सदस्य की मृत्यु के बाद पूरे परिवार में दुख और शोक का सैलाब आ जाता है। लेकिन समय के साथ-साथ गुजरे हुए इंसान की यादें धुंधली हो जाती हैं। एक पत्नी के लिए अपने पति को भुलाना बहुत मुश्किल होता है और इसका जीता जागता सबूत आज हम पेश कर रहे हैं।
पत्नी ने पति की याद में बनवाया मंदिर
आपने अक्सर मंदिर में भगवान को ही विराजमान देखा होगा और लोग मंदिर में जाकर भगवान अर्थात देवी देवताओं की पूजा अर्चना करते हैं। लेकिन क्या आपने कभी देखा है कि किसी महिला ने अपने पति के प्यार को जिंदा रखने के लिए पति का ही मंदिर बनवा दिया और पति को ही भगवान मानकर रोज उसकी पूजा करने लगी। आंध्र प्रदेश के पोडीली की रहने वाली एक महिला ने अपने पति की याद में मंदिर बनवा दिया। इस महिला का नाम पद्मावती है।
मृत्यु के बाद पति ने सपने में आकर जताई मंदिर बनाने की इच्छा
आंध्र प्रदेश की रहने वाली पद्मावती ने अपने पति की मृत्यु के बाद अपने घर में ही एक भव्य मंदिर का निर्माण करवाया। पद्मावती ने बताया कि 4 साल पहले एक दुर्घटना में उसके पति की मृत्यु हो गई। जिसके बाद पूरे घर में दुखों का पहाड़ टूट पड़ा था। लेकिन पद्मावती ने खुद को मजबूत बनाए रखा और हार नहीं मानी तथा खुद का और बच्चों का मां और पिता बनकर पालन पोषण किया। पद्मावती ने बताया कि उसके पति की मृत्यु के कुछ दिनों बाद ही उसके पति ने सपने में आकर कहा कि वह उसके लिए एक मंदिर का निर्माण कराएं। इसके बाद पद्मावती ने अपने घर में ही अपने पति का मंदिर बनवाया और रोज उसकी पूजा करने लगी।
गरीबों को खिलाते हैं खाना
पद्मावती ने बताया कि उसके पति की पुण्यतिथि और जन्मदिन के अवसर पर असहाय और गरीब लोगों को भोजन करवाया जाता है। उस दिन सामान्य दिनों से अधिक पूजा पाठ किया जाता है। अपने पति की आत्मा को श्रद्धांजलि देते हुए गरीबों को खाना खिलाना एक बेहद पुण्य का काम है। पद्मावती के इस फैसले की चारों और जमकर तारीफ की जाती है और उनको कलयुग की सावित्री कहा जाता है।