PWD के रिटायर अधिकारी को 82 साल की उम्र में हुआ 36 साल की विधवा औरत से प्यार, शादी में बेटा भी हुआ शामिल
मध्य प्रदेश के उज्जैन में एक मामला सुनने में आ रहा है। बताया जा रहा है कि यहाँ एक PWD के रिटायर्ड अधिकारी को 36 साल की एक विधवा औरत से प्यार हो जाता है और ये कपल शादी भी कर लेता है आईये जानते पूरी खबर को विस्तार से।
कहते प्यार करने की न तो कोई उम्र होती और न ही कोई सीमा होती है. प्यार स्वतंत्र है। ये कभी भी किसी भी उम्र में हो सकता है। प्यार किसी से भी कभी भी हो जाता है. प्यार की उम्र हमारे जन्म से लेकर जीवन की आखिरी सांस तक होती है. प्यार में पड़ने की कोई निश्चित उम्र नहीं होती. ऐसा ही एक मामला मध्यप्रदेश के उज्जैन में देखने को मिला, जहां 82 साल के एक रिटायर्ड PWD के अधिकारी ने 37 की महिला से शादी रचाई है. महिला विधवा है और 44 साल छोटी है।बुजुर्ग पीडब्ल्यूडी से रिटायर्ड हैं, जिनका कोई नहीं है तो वहीं महिला विधवा है और विधवा का एक बेटा भी है जो इस शादी में शामिल भी था।
लम्बे समय से थी दोस्ती अब जाकर प्यार में बदली
दोनों ने एक लंबे समय से चली आ रही दोस्ती के बाद शुक्रवार को कोर्ट मैरिज करने का फैसला ले लिया और एक-दूसरे का साथी बन गए. जैसे ही दोनों के शादी करने की खबर कोर्ट में फैली तो ये खबर आग की तरह फैल गई। शुक्रवार दोपहर कोर्ट परिसर में इस अनोखी शादी को देखने व फोटो- वीडियो बनाने के लिए भीड़ लग गई।
मीडिया को देखकर जताई कपल ने नाराजगी
महिला और बुजुर्ग दोनों ही उज्जैन जिले के रहने वाले हैं. विवाह के दौरान मीडिया कवरेज पर दोनों पक्षों ने नाराजगी जताई. बुजुर्ग पीडब्ल्यूडी विभाग में सेक्शन हेड थे, जो कि अब रिटायर हो चुके हैं. उनको अभी 28 हजार रुपये पेंशन मिलती है. महिला भी विधवा है उनका भी कोई सहारा नही है. जिसे अब बुजुर्ग का सहारा मिल गया है.
एडीएम थे शादी में मौजूद
अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी संतोष टैगोर ने जानकारी देते हुए बताया कि दोनों पक्षों की ओर से शादी के लिए आवेदन आया था. जिसका परीक्षण के बाद शुक्रवार को विवाह अधिनियम के तहत विवाह करवाया गया है. हालांकि दोनों पक्ष की ओर से विवाह संबंधित जानकारी गोपनीय रखने का निवेदन किया गया था।
बुजुर्ग की दोस्ती शहर की शास्त्री नगर निवासी महिला से हुई जिसकी उम्र लगभग 36-38 साल के बीच की हैं. वे 46-47 साल छोटी हैं. महिला का एक 6 साल का बेटा भी है महिला विधवा है. कोई सहारा न होने से दोनों एक-दूसरे को दोस्ती के बाद दिल दे बैठे और विवाह बंधन में बंधने का फैसला लिया. वे रिश्तेदार के साथ एडीएम कोर्ट परिसर पहुंची और एडीएम की मौजूदगी में शादी की.