इंसान जब कुछ करने का फैसला दिल से कर लेता है तो उसे कोई भी नहीं हरा सकता है। एक ऐसा ही मामला सामने आया है जहां एक किसान ने खेत में तालाब खोदकर मोती की खेती करने का काम शुरू किया। इसके साथ धीरे-धीरे धान की खेती भी शुरू कर दी। हम बात कर रहे हैं उत्तर प्रदेश के फतेहपुर के अकोढ़िया नाम के गांव की रहने वाला एक किसान काफी सुर्खियां बटोर रहा है इसकी तारीफ खुद कानपुर के कृषि विश्वविद्यालय की टीम ने की है। आइए जानते हैं कौन है यह व्यक्ति और किस तरह मोती की खेती करने का कार्य शुरू किया।
खेत में छोटा तालाब खुदवा कर शुरू की मोती की खेती
हम बात कर रहे हैं उत्तर प्रदेश के फतेहपुर के एक गांव अकोढ़िया के रहने वाले रमेश सिंह की। रमेश ने अपने खेत में मोती की खेती करने का फैसला किया। इसके लिए उन्होंने खेत में ही छोटा सा एक तालाब खुदवा लिया और उसके बाद उसमें मोती की खेती करने का फैसला किया। उनका यह तरीका बेहतरीन है क्योंकि वह सीपियो में मोती के बीच रखकर उन्हें पानी में लटका देते हैं।
खेत में उगाते हैं 140 किस्म के धान
फतेहपुर के रमेश सिंह एक बेहतरीन और समय से आगे चलने वाले किसान हैं। आपको बता दें कि खेत में एक छोटा सा तालाब खुदवा कर मोती की खेती करने के साथ-साथ रमेश सिंह 140 किस्म के धान की पैदावार का रिकॉर्ड भी बना चुके हैं। रमेश को यह खेती करते हुए ज्यादा समय नहीं हुआ है लेकिन मात्र 2 साल के अंदर ही उन्होंने काफी जगह अपना नाम कमा लिया। जब मोती की खेती करने का फैसला किया तो इसके बाद उन्होंने पहली बार करीब 200 मोती प्राप्त किए जो काफी अच्छा अवसर था। हाल ही में रमेश ने 10000 मोतियों के बीज डाले हैं जिससे उन्हें 40 से 50 लाख रुपए के मोतियों की पैदावार होने की उम्मीद है।
मार्केट में मोतियों की मांग होती है बहुत अधिक
सीआईएसए के एक्सपर्ट सौरभ शैलेश बताते हैं कि मोतियों की मांग मार्केट में बहुत अधिक है। ना सिर्फ घरेलू मार्केट बल्कि अंतरराष्ट्रीय मार्केट में भी इसके काफी अच्छे पैसे मिलते हैं। सौरभ ने बताया कि मोती की खेती करना इतना कठिन नहीं है लेकिन इसे वैज्ञानिक तरीके से करना पड़ता है। और इससे पहले ट्रेनिंग भी लेनी पड़ती है। यह ट्रेनिंग सीआईएफ समय समय पर करवाता है। जिससे किसानों को मदद मिल सके और कृषि को बढ़ावा मिल सके।