कुली के बेटे ने इडली सांभर से खड़ी की 100 क-रोड़ की कंप-नी, सुनिए सफलता की कहानी

भारत में आज भी काफी बेरोज-गारी है जिसके लिए सरकार भी कोई अहम कदम उठाने में असफल रही है। भारत में काफी ऐसे लोग हैं जो गरीबी से नीचे का जीवन जी रहे हैं और इसके साथ ही कुछ लोग ऐसे भी हैं जो बचपन में गरीबी की जिंदगी जीने के बाद अपनी मेहनत के बलबूते पर आज क-रोड़ों के मालिक बन चुके हैं। आज हम आपको एक ऐसे शख्स के बारे में बताएंगे जिसने इडली सांभर ऑटो से जैसी चीजों को बेच बेच कर ही 100 क-रोड से अधिक की कंप-नी खड़ी कर ली।

पीसी मुस्तफा की कहानी
पीसी मुस्तफा की कहानी

पीसी मुस्तफा की कहानी

आज हम आपको इडली डोसे जैसी साधारण और सस्ती चीजों को बेचने वाले पीसी मुस्तफा के बारे में बताते हैं जिन्होंने एक साधारण और गरीबी की जिंदगी से ऊपर उठकर आज क-रोड़ों की कंपनी खड़ी कर दी है इसके साथ ही लगभग 650 कर्म-चारियों को रो-जगार भी दे रहे हैं। जिन हालातों में पीसी मुस्तफा बड़े हुए उन हालातों में हर कोई इंसान इतनी ऊंचाइयों तक बहुत मुश्किल से पहुंच पाता है। किसी मुस्तफा ने आईडी फ्रेश नामक कंपनी को बनाया है जो आज क-रोड़ों की है।

कुली के बेटे ने इडली सांभर से खड़ी की 100 करोड़ की कंपनी, सुनिए सफलता की कहानी
कुली के बेटे ने इडली सांभर से खड़ी की 100 करोड़ की कंपनी, सुनिए सफलता की कहानी

वायनाड के पास 1 दिन गांव के रहने वाले हैं पीसी मुस्तफा गरीब परिवार में पैदा हुए थे उसके पिता कॉफी के बगीचों में कुली का काम किया करते थे लेकिन मुस्तफा पढ़ाई में काफी होशियार थे। स्कूल में पढ़ाई करने के बाद वह घर आकर पिता के काम में हाथ बढ़ाते थे। पिता के साथ काम करने की वजह से मुस्तफा पढ़ाई में ध्यान नहीं दे पाते थे इसलिए छठी क्लास में ही फेल हो गए लेकिन उन्हें यह बहुत बुरा लगा और उन्होंने काफी मेहनत की इसके बाद दसवीं कक्षा में अपनी क्लास में प्रथम स्थान प्राप्त किया। बड़े होने के बाद मुस्तफा को अमेरिका के एक भारतीय स्टार्टअप मैनहैटन एसोसिएट्स में नौकरी मिली।

आईडी फ्रेश नाम से शुरू की कंपनी
आईडी फ्रेश नाम से शुरू की कंपनी

आईडी फ्रेश नाम से शुरू की कंपनी

पीसी मुस्तफा यहां काम करके खुश नहीं थे इसके बाद वह 2003 में वापस भारत लौट आए तब उन्होंने यहां खुद का व्यापा-र करने का फैसला किया भारत वापस आने के बाद उन्होंने आईडी फ्रेश नाम से R 25000 निवेश करके एक कं-पनी शुरू की। वह इस कंपनी के द्वारा इटली डोसा बनाने के लिए जरूरी मिश्रण को बेचा करते थे। मात्र 100 पैकेट के साथ अपनी कं-पनी शुरू करने वाले किसी मुस्तफा आज 1 दिन में 50,000 से अधिक पैकेट भेज देते हैं और इस कंप-नी में 650 से अधिक लोगों को रोज-गार दे रहे हैं भारत के बाद अब वह अपनी कंप-नी को विदेशों में भी ले जाना चाहते हैं। वर्तमान समय में उनकी कंप-नी का टर्नओ-वर 400 क-रोड़ रु-पए है।

Leave a Comment

Verified by MonsterInsights