भारत में सदियों से बेटे को बेटियों से अधिक महत्व दिया गया है। लेकिन धीरे-धीरे यह रिवाज खत्म होता नजर आता है जहां कुछ सालों पहले कन्या भ्रूण हत्या के हर साल लाखों केस आते थे वहीं अब कन्या भ्रूण हत्या के मामलों में कमी आई है। आज के समय में बेटियां बेटों से किसी भी चीज में कम नहीं है चाहे वह खेलकूद हो, पढ़ाई हो, नौकरी करना हो या फिर अन्य कोई भी काम हो बेटियां वक्त के साथ हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं। ऐसी ही एक जांबाज बेटी की मिसाल पेश की है हरियाणा की रहने वाली सोनी ने। जिन्होंने पिता की मृत्यु के बाद हिम्मत नहीं हारी और परिवार का सहारा बनकर लालन पालन किया।
बसों की मरम्मत का करती हैं कार्य
हरियाणा के हिसार की रहने वाली 22 वर्षीय सोनी एक साधारण परिवार से ताल्लुक रखती हैं। कुछ समय पहले उसके पिता की मृत्यु हो गई और उसके बाद परिवार में घर चलाने वाला कोई नहीं बचा। पिता का देहांत होने के बाद घर में चारों तरफ दुख का माहौल था। लेकिन 22 वर्षीय सोनी ने हिम्मत नहीं हारी और घर का पालन पोषण करने की जिम्मेदारी उठाई। फिलहाल हरियाणा की लाडली सोनी हिसार डिपो में नौकरी करती हैं और यहां वह मैकेनिकल हेल्पर के पद पर कार्यरत हैं। इस कमाई से ही उनका पूरा घर चलता है।
8 भाई बहनों समेत चलाती है पूरे घर का खर्च
हिसार की जांबाज बेटी सोनी के 8 भाई बहन हैं जिसमें वह तीसरे नंबर की है। सोनी की नौकरी से होने वाली कमाई से ही उनका घर चलता है। वह रोज सुबह उठकर अपनी नौकरी पर हिसार डिपो में आती है और वहां पर मैकेनिकल हेल्पर के तौर पर बसों की मरम्मत करती है। इसके अलावा सोनी एक बेहतरीन खिलाड़ी भी हैं जिसने अब तक काफी जगह पदक जीते हैं जिनमें गोल्ड मेडल भी शामिल है।
मार्शल आर्ट में जीत चुकी तीन बार स्वर्ण पदक
22 वर्षीय सोनी ना केवल एक जांबाज बेटी होने का उदाहरण है जबकि उसके अंदर एक खिलाड़ी भी छिपा हुआ है। आपको बता दें कि सोनी मार्शल आर्ट में अब तक तीन बार स्वर्ण पदक जीत चुकी है। खेल के प्रति सोनी के समर्पण को देखते हुए पिता ने ही उसे प्रोत्साहित किया था। और 2016 में सोनी ने मार्शल आर्ट खेलना शुरू किया। जिसके बाद उनके मेहनत और लगन के दम पर राष्ट्रीय स्तर तक खेली और 3 बार स्वर्ण पदक हासिल किया।