भारत एक कृषि प्रधान देश है और इसी के साथ-साथ मवेशियों को भी अपने घर में परिवार की तरह बना देता है मवेशियों बदले में दूध देती हैं जिससे काफी सारे खाने पीने के सामान बनाए जाते हैं। वर्तमान में अलग-अलग क्षेत्रों में डेयरी बनाने पर काफी जोर दिया जा रहा है। आज आपको भारत की ऐसी डेयरी के बारे में बताते हैं जिसने एक छोटे से गांव से अपनी शुरुआत की लेकिन इसके बाद आज देश की सबसे बड़ी ब्रांड बन गई है। हम बात कर रहे हैं अमूल की जिसमें दूध से बने अलग-अलग प्रोडक्ट पूरे भारत में देखने को मिलते हैं। भारत में अमूल के अलावा डेहरी प्रोडक्ट की काफी और ब्रांड भी हैं जिससे इसे टक्कर मिली है लेकिन आज भी भारत में सबसे अधिक उपयोग किए जाने वाला दूध अमूल का ही होता है।
अमूल कंपनी की कहानी
अमूल भारत की एक सहकारी दुग्ध उत्पाद कंपनी है, इसका पूरा नाम आनंद मिल्क यूनियन लिमिटेड है। अमूल कंपनी की स्थापना स्वतंत्रता सेनानी रहे त्रिभुवनदास पटेल ने 1946 में की थी। आपको बता दें कि स्वतंत्र होने से पहले 1940 के आसपास गुजरात के व्यापारियों के द्वारा कि-सानों का काफी शोषण किया जाता था और इसमें किसानों से दूध को कम दामों में खरीदकर महंगे दामों में बेचा जाता था। इस समस्या को सुलझाने के लिए और किसानों को अपना हक दिलाने के लिए वहां के नेता रहे त्रिभुवनदास पटेल ने सरदार बल्लभ भाई पटेल से मुलाकात की और इसके लिए सरदार पटेल ने मोरारजी देसाई को गुजरात भेजा और हालातों के बारे में पता लगाया तब 1945 में मुंबई सरकार ने मुंबई मिलकर योजना की शुरुआत की।
देश में धीरे धीरे किसा-नों को उनका हक दिलाने के लिए और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए दूध उत्पादन के अलग-अलग तरीकों को अपनाया गया। त्रिभुवनदास ने 1946 में अहमदाबाद से लगभग 100 किलोमीटर दूर है खेड़ा जिला सहकारी समिति की स्थापना की है जहां प्रत्येक गांव की सदस्य दूध इकट्ठा करके खेड़ा जिले में उनके पास भेजा करते थे। त्रिभुवनदास को शुरुआत में ज्यादा फायदा नहीं हुआ था लेकिन धीरे-धीरे उन्होंने और अधिक प्रयास किए। समय आगे बढ़ता चला गया और जहां शुरुआत में मात्र 247 लीटर दूध का ही उत्पादन किया जाता था वहां हजारों लीटर दूध का उत्पादन होने लगा।
अमूल कंपनी को अपने इतने लंबे समय में काफी अलग-अलग कंपनियों से प्रतिस्पर्धा मिली साठ के दशक में पॉलसन डेयरी ने इसे कड़ी टक्कर दी थी लेकिन अमोल ने अपने अस्तित्व पर कोई आंच नहीं आने दी। 1970 के दशक में हुई श्वेत क्रांति से विदेश में काफी बदलाव आया जिसके बाद भारत के मिल्कमैन कहे जाने वाले वर्गीज कुरियन ने भारत में दूध के व्यापार और किसानों को काफी मदद पहुंचाई। अमूल को देश के नंबर वन कंपनी बनाने का श्रेय अभी वर्गीज कुरियन को ही जाता है जिन्होंने श्वेत क्रांति की शुरुआत की थी।