बॉलीवुड के महानायक और एंग्री यंग मैन कहे जाने वाले अमिताभ बच्चन ने अपने फिल्मी करियर में काफी हिट फिल्में दी हैं। कुछ समय पहले अमिताभ ने ट्वीट कर 20 साल पहले अफगानिस्तान में फिल्म की शूटिंग करने के बारे में जानकारी दी। आपको बता दें कि लगभग 20 वर्ष पहले अमिताभ बच्चन और श्रीदेवी की सुपरहिट फिल्म “खुदा गवाह” की शूटिंग अफगानिस्तान में हुई थी और इस फिल्म के लिए अमिताभ बच्चन को अफगानिस्तान जाना पड़ा लेकिन वहां की हालातों के बारे में उन्होंने काफी रोचक बातें बताई। आइए जानते हैं जब अमिताभ बच्चन अफगानिस्तान पहुंचे तो उनके साथ क्या घटित हुआ था।
अफगानिस्तान में शूट की गई थी फिल्म खुदा गवाह
अमिताभ बच्चन की ब्लॉकबस्टर फिल्म रही खुदा गवाह के बारे में उन्होंने काफी कुछ एक्सपीरियंस बताया है। आपको बता दें कि “खुदा गवाह” फिल्म में पहले अमिताभ बच्चन का एक छोटा सा रोल था लेकिन इसके बाद धीरे-धीरे उनके रोल को बढ़ाया गया और यह रोल बढ़ते बढ़ते लीड रोल बन गया। जब इस फिल्म की शूटिंग की जा रही थी तब फिल्म की स्क्रिप्ट के हिसाब से अफगानिस्तान में इसे शूट करना था। अमिताभ बच्चन के साथ पूरी यूनिट अफगानिस्तान के लिए रवाना हो गई।
अफगानिस्तान के राष्ट्रपति थे बिग बी के फैन
“खुदा गवाह” की शूटिंग के लिए अफगानिस्तान जाने के लिए जब अमिताभ बच्चन अपनी पूरी यूनिट के साथ रवाना हुए तो इसकी जानकारी अफगानिस्तान के राष्ट्रपति नजीबुल्लाह को दी गई। आपको बता दें कि नजीबुल्लाह को जब पता चला कि अमिताभ बच्चन उनके देश आ रहे हैं तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा दरअसल वह है अमिताभ बच्चन के काफी बड़े फैन थे इसके बाद जब अमिताभ बच्चन वहां पहुंचे तो उनकी सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए।
अमिताभ को नहीं रखने दिया था जमीन पर पैर
अमिताभ बच्चन जब अफगानिस्तान पहुंचे तो वहां उनका वीवीआइपी तरीके से स्वागत किया गया। इसके बाद जब वे शूटिंग के लिए जा रहे थे तो आगे पहाड़ियों में एक किले पर चढ़ाई करनी थी लेकिन अमिताभ बच्चन के साथ उनके सुरक्षा कर रहे सिपाहियों ने अमिताभ को गोद में उठाकर वह रास्ता पार करवाया। क्योंकि उनका मानना था कि वह अपने मेहमान को ऐसी जगह पैर नहीं रखने देंगे जहां उन्हें परेशानी हो।
अमिताभ ने इस शूटिंग को एक ब्लॉक में लिखते हुए कहा कि ” यह मेरी जिंदगी बहुत ही यादगार ट्रिप रही और यहां सुरक्षा का खतरा था क्योंकि सड़कों पर टैंक और बंदूकधारी सैनिक चल रहे थे उस समय कुछ अफगानी सरदारों ने हमें लौटा दिया और हम एक चौपर में बैठे इसके बाद पांच अन्य चौपर हमारे साथ चल रहे थे। अफगानी पहाड़ों के बदलते रंग जहां पहाड़ पहले बैंगनी से गुलाबी और फिर लाल होते हुए दिखाई दिए क्योंकि खसखस उगाई जाती है। यह नजारा बेहद ही रोमांचक रहा”।