80 साल के लम्बे इतंजार के बाद पैदा हुई लड़कीं, पूरे गांव में मनाया गया ढोल नगाड़ों के साथ जश्न
समय बलवान होता है इंसान कितना भी हाथ पैर मार ले, कितना भी प्रयास करले लेकिन होता वही है जो भाग्य में विधाता ने लिखा होता है।
दुनियां आज भी कई करोड़पति ऐसे है जिनके यहां औलाद नही है, इतना पैसा होने के बाद भी अगर शादी के कई सालो तक कोई औलाद न हो तो हमारे भारत मे आस पड़ोस और रिश्तेदारों में इसकी चर्चा होने लगती है जिसका जैसा मत होता है वह ऐसा उल्टा सीधा बोलता है इस बीच बे औलाद माँ बाप हर समय चिंतित रहते है और दुनियां के टोंट से तंग आकर कई बार वह टूट भी जाते है।
लेकिन कई बार हमने ये भी देखा है कि शादी के कई साल बाद भगवान खुशियों से गोद भर देता है दम्पत्ति जब बच्चे होने की उम्मीद छोड़ देते है तो उनकी खुशि मौका मिलता है ऐसे ही एक मामले के बारे में आज हम आपको बताने जा रहे है मामला श्योरपुर जिले का जहां बच्ची ने जन्म लिया, जब इस बच्ची ने जन्म लिया तो पूरे गांव में खुशियों की लहर आगई। पूरे गांव में जश्न का माहौल बन गया। चंबल के इलाके में कुछ समय पहले तक बेटी को बोझ समझा जाता है। सबसे ज्यादा बेटी होने का अफसोस चंबल इलाके के श्योरपुर जिले में मनाया जाता था।
लेकिन आजकल इस गांव में बहुत कुछ बदला बदला से नजर आ रहा है इस गांव में अब बेटी होने पर मिठाई बांटी जाने लगी है। लोग बेटी को गर्व समझने लगे है। इस गांव को देखने के बाद लोगो के दिल मे बेटी के लिए ममता की भावना ने जन्म लिया है बेटी को देश का भविष्य माना जा रहा है।
पूरा मामला श्योरपुर जिले के नगर गांवडा गांव का है। यहाँ जब एक दलित परिवार के यहां एक बेटी ने जन्म लिया तो इस खुशि में पूरे गांव में जश्न मनाया गया। ये जश्न इस वजह से भी मनाया गया क्योंकि इस परिवार में पिछले 80 साल तकरीबन 3 पीढ़ियों में बेटी का जन्म हुआ है। यहां के लोग इस बेटी को लक्ष्मी मान रहे है। बहु का भी गांव वालों ने भव्य स्वागत किया, बेटी को जन्म देकर जब बहु की अस्पताल से छुट्टी से हुई तो बहु का ढोल नगाड़ों के साथ जबरदस्त स्वागत किया गया। इस बच्ची और बहू के स्वागत के समय जब घर मे प्रवेश किया गया तब दोनो की विशेष आरती हुई और बेटी के पैरों के निशान घर के प्रवेश द्वार पर सिंदूर में डुबोकर चिन्ह लगवाए गए।