75 दिन बाद रणजीत सागर झील से मिला सेना के जवान का श’व, हेलीकॉप्टर क्रैश होने से हुआ था हा’दसा

भारतीय सेना के जवान अपनी जान की परवाह किए बिना दिन रात देश की सेवा में लगे हुए होते हैं। कई बार भारतीय सेना के जवान अपनी ड्यूटी के दौरान अपनी जान को जोखिम में डाल देते हैं जिसके कारण कई जवान शही’द हो जाते हैं। भारतीय सेना की नौकरी ही कुछ इस प्रकार से होती है कि व्यक्ति को अपना सर्वस्व समर्पण करते हुए देश के लिए ही जीना म’रना पड़ता है।

बीते 3 अगस्त को जम्मू के बसोहली क्षेत्र में स्थित रणजीत सागर बांध के झील में भारतीय सेना के जवानों का हेलीकॉप्टर कुछ खराबी आने के कारण अचानक क्रश हो गया जिसके कारण बड़ा हाद’सा हो गया और हाद’से में हेलीकॉप्टर में बैठे दो पायलट लापता हो गए।

75 दिन बाद रणजीत सागर झील से मिला सेना के जवान का शव, हेलीकॉप्टर क्रैश होने से हुआ था हादसा
75 दिन बाद रणजीत सागर झील से मिला सेना के जवान का शव, हेलीकॉप्टर क्रैश होने से हुआ था हादसा

हाद’सा जिस दिन हुआ उसी दिन तुरंत सेना के अधिकारियों ने दोनों लापता जवानों को ढूंढने के आदेश दिए जिसके बाद दोनों ही लापता जवानों को ढूंढने के लिए युद्ध स्तर पर सर्च ऑप’रेशन चलाया गया। परंतु बहुत ढूंढने के बाद भी झील में से दोनों ही जवानों का श’व मिलना काफी मुश्किल हो रहा था क्योंकि झील का पानी काफी उथला था। ऐसे में जवानों के श’व झील के काफी गहराई में चले गए थे जिसके कारण उन्हें ढूंढ पाना असंभव सा प्रतीत हो रहा था।

परंतु सेना ने सर्च ऑपरे’शन बंद नहीं किया और दोनों ही जवानों को ढूंढने का काम लगातार जारी रखा जिसके 12 दिन बाद एक जवान का पार्थि’व शरीर बरामद किया गया।

75 दिन बाद रणजीत सागर झील से मिला सेना के जवान का शव, हेलीकॉप्टर क्रैश होने से हुआ था हादसा
75 दिन बाद रणजीत सागर झील से मिला सेना के जवान का शव, हेलीकॉप्टर क्रैश होने से हुआ था हादसा

परंतु अभी भी दूसरे पायलट जयंत जोशी का पार्थि’व शरीर बरामद नहीं हो पाया था। सेना ने अपना सर्च ऑप’रेशन फिर भी लगातार जारी रखा। कैप्टन जयंत जोशी के श’व को ढूंढने के लिए सेना ने उत्तम दर्जे के गोताखोरों का सहारा लिया और साथ ही साथ लेजर बीम टेक्नोलॉजी का सहारा लिया परंतु कैप्टन जयंत जोशी का पा’र्थिव शरीर मिल नहीं पा रहा था।

लगातार सर्च ऑपरे’शन चलाए जाने के करीब 75 दिनों बाद बीते रविवार को उसी झील से करीब 70 मीटर की गहराई से कैप्टन जयंत जोशी का पार्थि’व शरीर सेना के जवानों को बरामद हुआ। शव बरामद होने के बाद आगे की क्रिया के लिए कैप्टन जयंत जोशी का पार्थिव शरीर पठानकोट भेज दिया गया।

75 दिन बाद रणजीत सागर झील से मिला सेना के जवान का शव, हेलीकॉप्टर क्रैश होने से हुआ था हादसा
75 दिन बाद रणजीत सागर झील से मिला सेना के जवान का शव, हेलीकॉप्टर क्रैश होने से हुआ था हादसा

इस हाद’से पर बयान देते हुए सेना के लेफ्टिनेंट कैप्टन कर्नल देवेंद्र आनंद ने कहा कि कैप्टन जयंत जोशी और उनके साथी ने देश के लिए सर्वोच्च बलिदा’न दिया है जिसे कभी भी भुलाया नहीं जा सकेगा। दोनों ही जवानों के शौर्य को देश सदैव याद रखेगा और उन्हें सम्मान की नजर से देखा जाएगा। कैप्टन जयंत जोशी के परिवार में बेटे का श’व मिलने की खुशी तो है परंतु बेटे का शरीर जीवित नहीं है इस बात का दुख भी अपरं’पार है।

आए दिन सेना के जवानों के साथ ऐसे हा’दसे होते रहते हैं जिनमें सेना के जवानों को अपनी जा’न गंवानी पड़ती है। इसीलिए हम सब भारतवासियों को कर्तव्य बनता है कि हम हमारे सेना के जवानों का हमेशा हौसला बढ़ाते रहें और ऐसा कोई कृत्य ना करें जिनसे उनके हौसले में कमी आए।

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