74 साल के बिछड़े दो दोस्त बंटवारे के बाद अब मिले हर कोई देखकर हो गया भावुक, नही रोक पाए खुशि के आंसू
किसी के लिए जीवन में दोस्ती कई रिश्तों से बढकर होती है तो किसी के लिए दोस्ती ही उसकी जिन्दगी होती है। यदि हमें अपनी लाइफ में सच्चा प्यार करने वाले दोस्त मिल जाए तो फिर हमें जीवन में और चाहिए भी क्या होता है। दोस्त ही तो वो इंसान होता है जो आपके हालात देखकर दोस्ती नही करता है। आज हम बता रहे है ऐसे दोस्तों के बारे में जो बंटवारे के समय बिछड़े थे और 74 साल बाद एक दूसरे से मिले तो फुट फुटकर दोनो रोने लगे इतने दिन बाद मीले थे तो खुशि के आंसू आना भी स्वाभाविक था। जी हां हम बात कर रहे है सरदार गोपाल सिंह और उनके दोस्त मुहम्मद बशीर की जो 1947 में भारत के विभाजन के दौरान बिछड़े थे लेकिन अब 74 साल बाद करतारपुर के गुरुद्वारा दरबार साहिब में दोनो दोस्तों की मुलाकात हुई.
74 साल बीत जाने के बाद जमाने बदल गए मगर सरहदों के बनने के बावजूद उनकी पक्की दोस्ती पर कोई आंच नहीं आई. 74 साल बाद जब 94 साल के गोपाल सिंह और 91 साल के बशीर मिले तो दोनों एक दूसरे को देखकर फूट-फूटकर रोने लगे. उनका ये मिलाप देखकर हर कोई भावुक था।
सोशल मीडिया पर इस खबर को पढ़ने के बाद हर कोई अपनी प्रतिक्रिया दे रहा है और ये खबर वायरल भी खूब हो रही है
कुछ दिनों पहले ही गोपालसिंह करतारपुर साहिब का दर्शन करने आये तो यहां उनकी मुलाकात अपने बचपन के दोस्त बशीर से हो गई।
बशीर पाकिस्तान के नरोवाल शहर में रहते हैं। रिपोर्ट के अनुसार अनुसार दोनों जब छोटे थे तो साथ में यहां दर्शन करने जाते थे और एक साथ चाय-नाश्ता करते थे।
आपको बता दें कि करतारपुर गलियारा बुधवार को फिर से खोल दिया गया। इससे पहले करतारपुर साहिब गुरुद्वारे की तीर्थयात्रा पिछले 2 सालों से कोविड-19 महामारी के चलते प्रतिबंध कर दी गई थी. सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव की जयंती के मद्देनजर दोनों देशों के बीच तीन दिन के लिए करतारपुर गलियारा खोला गया था।
आपको ये भी बता दे कि करतारपुर साहिब के दर्शन करने के लिए श्रद्धालुओं को वीजा की जरूरत नही है बिना वीजा के है पाकिस्तान में रहने वाले लोग यहां दर्शन करने आते है।