हमारे देश में कई ऐसे लोग हैं जो हमेशा परोपकार करने के लिए अपना कदम आगे बढ़ाते रहते हैं। परोपकार करने वाले इन लोगों की जरूरत आज के समय में बहुत ज्यादा है क्योंकि हर कोई अपने अपने बारे में सोच रहा है और ऐसे में जो लोग गरीब है और जो लोग वंचित है उन लोगों की ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा।
सरकार ऐसे लोगों के लिए कई सारे अभियान चलाती है लेकिन उन अभियान का लाभ केवल कुछ ही गरीब लोगों को मिल पाता है लेकिन ऐसे सारे गरीब लोग इन परोपकारी लोगों की वजह से उन्नति की ओर बढ़ते हैं और यह परोपकारी लोग ही भगवान की तरह गरीब लोगों की सहायता करते हैं।
शिक्षक ने 50 बच्चों को लिया गोद
ऐसे ही एक परोपकारी इंसान के बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं जिसने एक या दो नहीं बल्कि 50 गरीब बच्चों को गोद लिया। हम बात कर रहे हैं राजस्थान के अजमेर के रहने वाले सुनील जोस की। सुनील जोस उड़ान सोसाइटी में टीचर की नौकरी करते हैं।
सुनील हमेशा से चाहते हैं कि वह कुछ ऐसा काम कर दिखाएं जिसके कारण किसी जरूरतमंद का फायदा हो सके इसलिए उन्होंने 50 ऐसे बच्चों को गोद लिया जो आर्थिक रूप से कमजोर है और जो भीख मांगने के लिए मजबूर है। सुनील इन 50 बच्चों को गोद लेकर उनकी पढ़ाई-लिखाई का पूरा खर्च उठाते हैं।
बच्चों के पढ़ाई लिखाई की पूरी व्यवस्था की
सुनील ने बताया कि उन्होंने गरीब बच्चों के लिए स्कूल वैन की भी व्यवस्था कर रखी है। यह स्कूल वैन उन सभी बच्चों को जो झुग्गी झोपड़ियों में रहते हैं उनके घर से रिसीव करती है और उन्हें स्कूल तक पहुंचाती है। स्कूल में बच्चों के लिए मिड डे मील की व्यवस्था की जा चुकी है। स्कूल खत्म होने के बाद वह स्कूल में उन्हें सुनील के घर पहुंच आती है जहां पर सुनील उन्हें फ्री में कोचिंग क्लास देते हैं।
सुनील चाहते हैं कि गरीब और जरूरतमंद बच्चे जिनके पास पढ़ने लिखने के लिए पैसे नहीं है और वह भीख मांगने पर मजबूर है। उन सभी बच्चों को अच्छी शिक्षा मिले और वह पढ़ लिख कर समाज में अपना नाम रोशन करें।
खुद की सैलरी में से करते हैं बच्चों की मदद
बता दें कि इस काम को करने वाले सुनील अकेले नहीं है बल्कि उनके कई सारे साथी शिक्षक भी इस नेक काम में सुनील की मदद करते हैं। सुनील गणित के शिक्षक है और वह अपनी सैलरी में से गरीब बच्चों के लिए इतना बड़ा योगदान दे रहे हैं।
सुनील रात के समय गरीब बच्चों के लिए भोजन की भी व्यवस्था करते हैं और जिन बच्चों के पास पहनने के लिए कपड़े नहीं है उन्हें कपड़े की खरीद कर देते हैं। सच में आज के समय में सुनील जैसे लोग काफी कम दिखाई देते हैं जो दूसरों की मदद करने के लिए इतना बड़ा त्याग और समर्पण करते हैं।