भारत में आज भी रंग रूप लंबाई हदीसे लोगों की पहचान की जाती है। कभी-कभी दिखने में काले रंग के लोगों को गोरे लोगों के साथ रहने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इसके अलावा अगर कोई बौना रह जाए तो यह उसके लिए पूरे जीवन भर एक बोझ बना रहता है। विकलांग और कद काठी में छोटे अर्थात बोने लोगों के लिए मिसाल पेश की है आरती डोगरा ने जिनकी हाइट 3 फुट 3 इंच है लेकिन उनका ओहदा सबसे बड़ा है। इतनी छोटी हाइट होने के बाद आईएएस ऑफिसर बनने तक का सफर आरती डोगरा ने किस तरह तय किया। आज आपको उनकी कहानी बताते हैं
डॉक्टर ने जन्म के बाद कहा नहीं बढ़ेगी हाइट
देहरादून में जन्मी आरती डोगरा के पिता राजेंद्र डोगरा भारतीय सेना में कर्नल की पोस्ट पर कार्यरत हैं जबकि उनकी माता कुमकुम डोगरा एक प्रधानाध्यापिका है जिस समय आरती का जन्म हुआ तो डॉक्टरों ने उनके माता-पिता से कहा कि उनका बेटा पूर्णता स्वस्थ नहीं है और उनकी हाइट भी कम रह सकती है। इसके बाद माता पिता ने परेशान होने के बजाय अपने बच्चे के प्रति प्यार को और अधिक कर लिया तथा दूसरा बच्चा पैदा न करने का फैसला किया। दोनों ने पूरी शिद्दत और प्यार से आरती का पालन पोषण किया।
कद रह गया 3 फुट 3 इंच फिर भी नहीं हारी हिम्मत
देहरादून की रहने वाली आरती डोगरा की लंबाई मात्र 3 फुट 3 इंच ही बढ़ पाई। शुरुआत में उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा लेकिन आरती ने कभी भी हार नहीं मानी और अपने लक्ष्य को पाने के लिए मेहनत और लगन से जुटी रही। स्कूल की शुरुआती पढ़ाई देहरादून के ही एक नामी स्कूल से करने के बाद उन्होंने दिल्ली से ग्रेजुएशन पूरा किया। दिल्ली यूनिवर्सिटी के श्री राम कॉलेज से अर्थशास्त्र में ग्रेजुएशन कंप्लीट किया।
ग्रेजुएशन के बाद की यूपीएससी की तैयारी
आरती डोगरा ने जैसे अपने ग्रेजुएशन कॉमर्स पूरी की इसके बाद यूपीएससी की तैयारी में लग गई बचपन से ही काफी बुद्धिमान रही आरती ने पहले प्रयास में ही यूपीएससी क्लियर कर लिया इसके बाद सभी परिवार वालों के लिए वह एक मिसाल बन गई। आरती ने 2006 में यूपीएससी एग्जाम क्लियर किया था और इसके बाद काफी जगहों पर आईएएस रह चुकी हैं। आरती उन लोगों के लिए प्रेरणा हैं जो छोटा कद होने के कारण है लोगों की हीन भावना का शिकार होते हैं। आरती ने यह कर दिखाया कि कद और रंग रूप मायने नहीं रखता है बल्कि इंसान अंदर से खूबसूरत होना चाहिए।
Vilej aimnnhigha