हमारे देश में भारतीय सेना के जवानों का काफी सम्मान किया जाता है क्योंकि सैनिक ही देश की सुरक्षा करते हैं और देश के लोग देश के सैनिकों की वजह से ही अपने घरों में चैन की नींद सो पाते हैं। हम आए दिन कहीं ना कहीं किसी ना किसी गांव से उस गांव में रहने वाले सेना के जवानों का स्वागत करते हुए लोगों की तस्वीरें देखते रहते हैं उनकी राम ऐसी ही एक तस्वीर मध्यप्रदेश के बड़वानी जिले से सामने आई है जहां पर गांव के एक सैनिक का स्वागत इतनी धूमधाम से किया कि यह चर्चा का विषय बन गया।
बताया जा रहा है कि यह सैनिक 21 वर्ष बाद अपने गांव लौटा इसलिए लोगों ने धूमधाम से गांव में उस सैनिक का स्वागत किया और काफी खुशियां मनाई।
जानकारी के अनुसार मध्यप्रदेश के बड़वानी जिले के ठीकरी गांव में रहने वाले निर्भय सिंह चौहान 21 वर्ष पूर्व सेना में भर्ती हुए थे। निर्भय सिंह चौहान बचपन से ही देश की सेवा करना चाहते थे इसलिए उन्होंने मेहनत और लगन से पढ़ाई की और देश सेवा का अपना सपना साकार करते हुए भारतीय सेना में भर्ती हो गए।
निर्भय सिंह चौहान भारतीय सेना में हेड कांस्टेबल के पद पर तैनात थे। अपनी 21 वर्षों की नौकरी पूरी कर निर्भय सिंह चौहान अपने गांव लौटे तो गांव के लोगों और उनके परिजनों द्वारा किए गए स्वागत को देखकर वह काफी आश्चर्यचकित रह गए और उन्हें बहुत आनंद भी हुआ।
जैसे ही निर्भय सिंह चौहान अपने गांव में पहुंचे तो गांव के लोगों ने और निर्भय सिंह चौहान के परिजनों ने उनके स्वागत में ढोल नगाड़े और डीजे का आयोजन किया था। यह देखकर निर्भय सिंह चौहान काफी खुश हुए। निर्भय सिंह चौहान के स्वागत में उनके गांव की गोपी विहार कॉलोनी से लेकर सार्थक नगर तक लोगों ने काफी लंबा जुलूस निकाला।
इस दौरान निर्भय सिंह को घोड़े पर बैठा कर उनके घर तक ले जाया गया। इतना ही नहीं जब निर्भय सिंह अपने घर के दहलीज तक पहुंचे तब लोगों ने रास्ते में अपनी हथेलियां बिछाकर उनका जोरदार स्वागत किया। निर्भय सिंह चौहान अपना होता हुआ इतना बड़ा स्वागत देखकर काफी भावुक हो गए और उन्होंने सभी लोगों का धन्यवाद किया।
निर्भय सिंह चौहान ने बताया कि वह हमेशा से ही देश की सेवा करना चाहते थे। इसीलिए उन्होंने भारतीय सेना में जाने का फैसला किया था। भारतीय सेना में भी निर्भय सिंह चौहान ने काफी ईमानदारी और लगन के साथ अपना उत्तरदायित्व निभाया। निर्भय सिंह ने बताया कि अभी वह उम्र के तीसरे पड़ाव में है।
अभी उनके सामने और भी जीवन बाकी है इसलिए वे चाहते हैं कि अब वे समाज सेवा करें। अपने गांव के जवान का इस प्रकार से होता हुआ धूमधाम भरा स्वागत देखकर हर कोई गांव के लोगों की प्रशंसा कर रहा है। सैनिक देश का सम्मान होते हैं और देश का अभिमान होते हैं इसलिए हर देशवासी का यह कर्तव्य है कि देश के सैनिकों के मान सम्मान में इसी प्रकार का इसी प्रकार का आयोजन किया जाना चाहिए जिससे देश के सैनिकों का हौसला बड़े और वे अपने आप को अकेला ना समझे।