को’रो’ना’ वाय’रस के चलते हैं भारत समेत पूरी दुनिया में लॉक’डा’उन लगा था जिससे सभी देशों की आर्थिक स्थिति गड़बड़ा गई थी। भारत में लो’क डा’उन के कारण बड़े-बड़े शहरों में काम करने वाले मजदूर अपने घर की तरफ निकल पड़े थे जिसके बाद मोदी ने देश की समस्या को समझते हुए हैं आत्मनिर्भर भारत अभियान की शुरुआत की जिसके अंतर्गत भारत को काफी चीजों में आत्मनिर्भर बनने का आग्रह किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस बात का असर काफी लोगों पर दिखाई भी दिया और काफी लोग अपना खुद का काम शुरू करने लगे। आज आपको बिहार की रहने वाली एक महिला सुनीता शर्मा के बारे में बताते हैं जिन्होंने आत्मनिर्भर भारत के तहत अपने घर में ही छत और आंगन पर सब्जियां और फूल उगाना शुरू किया।
बचपन से शौक था कुछ अलग कर दिखाने का
बिहार के रहने वाले सुनीता प्रसाद को बचपन से ही कुछ अलग करने का शौक था और सब्जियां उगाना उन्हें पसंद भी था। जब घर में कोई बर्तन टूट जाता था तो उसमें मिट्टी भरकर है सब्जियों का देती थी। एक बार उन्होंने साइकिल की पाइप को छत पर रखकर उसमें मिट्टी जमा कर घास हूं गाना शुरू कर दिया। इस घटना के बाद उनके दिमाग में और अधिक विचार आए और उन्होंने अपने पति से बाइक में हवाई और उन में छोटे-छोटे छेद कर मिट्टी भर दी फिर पौधे लगा दिए धीरे-धीरे ऊपर होने लगी और वह काफी सारी सब्जियों का उत्पादन करने लगे, जिनमें बैंगन भिंडी गोभी आदि सबसे अधिक उगाई जाती हैं।
अभिनव पुरस्कार से किया गया सम्मानित
सुनीता प्रसाद के नए-नए आइडिया और क्रिएटिविटी की चर्चा खुद के गांव के साथ-साथ आसपास के गांव में भी हो रही है इसके लिए उन्हें अभिनव अवार्ड से भी सम्मानित किया जा चुका है। धीरे-धीरे सुनीता प्रसाद सब्जियों के साथ-साथ फूलों का उत्पादन भी करने लगी।
दिमाग में नए-नए आइडिया आने के कारण है उन्होंने सोचा कि बाजार से मंगवाई गई पाइप का खर्चा अधिक होता है इसलिए पाइप की जगह उन्होंने बांस का प्रयोग शुरू कर दिया बांस का प्रयोग करने में भी वह काफी सफल रही और अब अपने घर के आंगन में ही बांस के पेड़ और पाइपों की मदद से काफी सारी सब्जियों का उत्पादन कर रही है। उनके इस उत्पादन से उन्हें लाखों रुपए का मुनाफा भी होता है। आपको बता देंगे सुनीता ज्यादा पढ़ी-लिखी भी नहीं है उन्होंने दसवीं तक ही पढ़ाई की है।