ज्यादा पानी पीने से कौन सा अंग खराब होता है?*

**ज्यादा पानी पीने से कौन सा अंग खराब होता है?**

पानी हमारे जीवन का एक अनिवार्य हिस्सा है। यह हमारे शरीर के विभिन्न कार्यों को सुचारू रूप से चलाने में अहम भूमिका निभाता है। शरीर में जल की कमी से कई समस्याएं हो सकती हैं, इसलिए पानी पीना आवश्यक है। लेकिन जैसा कि किसी भी चीज की अधिकता नुकसानदायक होती है, वैसे ही ज्यादा पानी पीना भी स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। ज्यादा पानी पीने से हमारे शरीर के कुछ अंगों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है, विशेषकर **किडनी (गुर्दे)** पर। इस लेख में हम समझेंगे कि ज्यादा पानी पीने से कौन से अंग प्रभावित होते हैं और कैसे यह स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर सकता है।

1. **किडनी पर प्रभाव**

किडनी हमारे शरीर का वह अंग है जो रक्त को शुद्ध करने, विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने, और शरीर में तरल पदार्थों के संतुलन को बनाए रखने का काम करता है। जब हम बहुत ज्यादा पानी पीते हैं, तो किडनी को इस अतिरिक्त पानी को फिल्टर करके शरीर से बाहर निकालना पड़ता है। सामान्य परिस्थितियों में, किडनी एक घंटे में लगभग 0.8 से 1 लीटर पानी को संसाधित कर सकती है। लेकिन अगर हम इससे अधिक पानी पीते हैं, तो किडनी पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है।

अत्यधिक पानी पीने से किडनी की क्षमता से अधिक काम करना पड़ता है, जिससे उसके कार्य में गड़बड़ी हो सकती है। किडनी पर अधिक दबाव डालने से यह लंबे समय में कमजोर हो सकती है और इससे **किडनी फेल्योर** जैसी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं।

2. **हाइपोनेट्रेमिया (रक्त में सोडियम की कमी)**

ज्यादा पानी पीने से एक और गंभीर स्थिति पैदा हो सकती है, जिसे **हाइपोनेट्रेमिया** कहते हैं। यह स्थिति तब उत्पन्न होती है जब रक्त में सोडियम का स्तर बहुत कम हो जाता है। सोडियम एक महत्वपूर्ण इलेक्ट्रोलाइट है जो शरीर में तरल पदार्थों का संतुलन बनाए रखने के लिए जरूरी होता है। जब हम ज्यादा पानी पीते हैं, तो यह सोडियम के स्तर को पतला कर देता है, जिससे शरीर में सोडियम की कमी हो जाती है।

हाइपोनेट्रेमिया के लक्षणों में मतली, सिरदर्द, उल्टी, थकान, मांसपेशियों में कमजोरी, और गंभीर मामलों में मस्तिष्क में सूजन हो सकती है, जिससे व्यक्ति बेहोशी या कोमा में भी जा सकता है। यह स्थिति विशेष रूप से उन लोगों में आम होती है जो अत्यधिक पानी पीते हैं या किडनी की समस्याओं से ग्रस्त होते हैं।

3. **मस्तिष्क पर प्रभाव**

ज्यादा पानी पीने से मस्तिष्क पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। जब रक्त में सोडियम का स्तर घटता है, तो मस्तिष्क में सूजन आ सकती है। मस्तिष्क की कोशिकाओं में पानी भरने से सिरदर्द, उल्टी, चक्कर आना, और मानसिक भ्रम जैसे लक्षण पैदा हो सकते हैं। गंभीर स्थिति में, यह मस्तिष्क में जलभराव (सेरेब्रल एडिमा) का कारण बन सकता है, जो मस्तिष्क के कार्यों को बाधित करता है और जीवन के लिए खतरनाक हो सकता है।

4. **हृदय पर प्रभाव**

ज्यादा पानी पीने से हृदय पर भी दबाव बढ़ सकता है। जब हम अधिक मात्रा में पानी पीते हैं, तो रक्त की मात्रा भी बढ़ जाती है। इससे हृदय को अधिक काम करना पड़ता है ताकि यह बढ़ा हुआ रक्त संचारित हो सके। यह स्थिति हृदय रोगियों के लिए खतरनाक हो सकती है, क्योंकि उनका हृदय पहले से ही कमजोर होता है और अतिरिक्त दबाव हृदय की कार्यक्षमता को प्रभावित कर सकता है।

विशेषकर उन लोगों के लिए जिनके शरीर में पहले से ही जल की मात्रा अधिक है, जैसे कि हृदय विफलता के मरीजों के लिए, ज्यादा पानी पीना अत्यधिक खतरनाक हो सकता है। इससे हृदय पर अत्यधिक भार पड़ता है और यह स्थिति स्वास्थ्य के लिए गंभीर समस्या बन सकती है।

5. **लीवर पर प्रभाव**

यद्यपि लीवर सीधे तौर पर पानी के सेवन से प्रभावित नहीं होता है, लेकिन अगर शरीर में तरल पदार्थों की अत्यधिक मात्रा होती है, तो लीवर के कार्य पर अप्रत्यक्ष रूप से असर पड़ सकता है। लीवर का काम शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालना होता है, लेकिन जब शरीर में अत्यधिक पानी होता है, तो रक्त का प्रवाह धीमा हो सकता है, जिससे लीवर के कार्य में व्यवधान उत्पन्न हो सकता है।

6. **पाचन तंत्र पर प्रभाव**

ज्यादा पानी पीने से पाचन तंत्र पर भी असर पड़ सकता है। सामान्यतः पाचन के दौरान शरीर कुछ मात्रा में पानी का उपयोग करता है, लेकिन ज्यादा पानी पीने से पाचन की प्रक्रिया में गड़बड़ी आ सकती है। इससे अपच, सूजन, और पेट में असहजता जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। पानी का सही संतुलन बनाए रखना पाचन तंत्र की बेहतर कार्यप्रणाली के लिए जरूरी होता है।

7. **पेशाब की समस्या**

ज्यादा पानी पीने से पेशाब की मात्रा बढ़ जाती है। इससे बार-बार पेशाब करने की आवश्यकता महसूस होती है, जिससे नींद में व्यवधान आ सकता है और शरीर की ऊर्जा भी कम हो सकती है। लगातार पेशाब करने से शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी हो सकती है, जो स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक हो सकती है।

ज्यादा पानी पीने से बचने के उपाय

1. **पानी की मात्रा नियंत्रित करें**:

दिन भर में 8 से 10 गिलास पानी पीना पर्याप्त होता है। शारीरिक गतिविधियों और मौसम के अनुसार पानी की मात्रा को समायोजित करें।

2. **प्यास महसूस होने पर ही पानी पिएं**:

शरीर की प्यास संकेत देती है कि उसे पानी की आवश्यकता है। प्यास न होने पर ज्यादा पानी पीने से बचें।

3. **इलेक्ट्रोलाइट्स का संतुलन बनाए रखें**:

अगर आप अधिक पानी पी रहे हैं, तो सुनिश्चित करें कि आप नमक और अन्य इलेक्ट्रोलाइट्स का उचित सेवन कर रहे हैं।

4. **नियमित स्वास्थ्य जांच कराएं**:

किडनी और हृदय की नियमित जांच करवाते रहें, ताकि किसी भी प्रकार की समस्या का समय रहते पता चल सके।

निष्कर्ष

हालांकि पानी हमारे जीवन के लिए आवश्यक है, लेकिन इसकी अधिकता भी हमारे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकती है। ज्यादा पानी पीने से किडनी, मस्तिष्क, हृदय और पाचन तंत्र पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। इसलिए, हमें पानी की सही मात्रा का सेवन करना चाहिए और अपने शरीर की आवश्यकताओं के अनुसार पानी पीना चाहिए। सही मात्रा में पानी पीने से शरीर स्वस्थ रहता है और अंगों का सही तरीके से कार्य करना सुनिश्चित होता है।

Leave a Comment

Would you like to receive notifications on latest updates? No Yes