क्या मोदीजी सब काम रात में ही करते हैं?

क्या मोदीजी सब काम रात में ही करते हैं?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कार्यशैली और दिनचर्या लंबे समय से चर्चा का विषय रही है। उनके समर्थक हों या आलोचक, सभी इस बात को स्वीकार करते हैं कि मोदी जी एक अत्यंत परिश्रमी और अनुशासित नेता हैं। अक्सर यह सवाल उठता है कि क्या मोदी जी सारे काम रात में ही करते हैं? आइए इस सवाल का विश्लेषण करें और उनके काम करने के तरीके को समझने की कोशिश करें।

 

नुशासित दिनचर्या की मिसाल

नरेंद्र मोदी की दिनचर्या बेहद सख्त और अनुशासित मानी जाती है। बताया जाता है कि वे सुबह 4-5 बजे के बीच उठ जाते हैं और योग व ध्यान से अपने दिन की शुरुआत करते हैं। उनके दिन का एक-एक मिनट पहले से तय होता है और वे अपने निजी जीवन में भी अनुशासन का पालन करते हैं।

हालांकि, यह भी उतना ही सत्य है कि मोदी जी देर रात तक काम करते हैं। चाहे सरकारी फाइलों की समीक्षा हो, मंत्रियों के साथ बैठकों का आयोजन हो या अंतरराष्ट्रीय नेताओं के साथ बातचीत—प्रधानमंत्री देर रात तक सक्रिय रहते हैं।

रात के समय कार्य क्यों करते हैं?

  1. शांति और एकाग्रता: प्रधानमंत्री जैसे पद पर कार्य करते हुए दिनभर राजनीतिक, प्रशासनिक और सार्वजनिक कार्यों की भरमार होती है। रात का समय अपेक्षाकृत शांत होता है और उसमें कार्य पर बेहतर एकाग्रता संभव होती है।
  2. अंतरराष्ट्रीय वार्ताएं: विश्व के विभिन्न नेताओं से संवाद करने के लिए समय क्षेत्रों (time zones) का ध्यान रखना आवश्यक होता है। अमेरिका, यूरोप, ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों के नेताओं से बात करने के लिए रात का समय उपयुक्त होता है।
  3. तत्काल निर्णय और निगरानी: किसी आपात स्थिति में तुरंत निर्णय लेना प्रधानमंत्री की जिम्मेदारी होती है। ऐसे में वे रात में भी पूरी तरह सतर्क रहते हैं, चाहे वह कोई प्राकृतिक आपदा हो या सीमा पर स्थिति।
  4. लंबे कार्य समय की आदत: नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए भी रात में देर तक काम करने के लिए जाने जाते थे। यह उनकी कार्यशैली का हिस्सा है, जो अब भी जारी है।

प्रभाव और आलोचनाएं

जहाँ एक ओर लोग उनकी कर्मठता की सराहना करते हैं, वहीं कुछ लोग यह भी कहते हैं कि अत्यधिक देर रात तक काम करना स्वस्थ्य के लिए नुकसानदायक हो सकता है। इसके अलावा, उनके आसपास के अफसरों और कर्मचारियों पर भी इसका दबाव पड़ता है कि वे भी लंबे समय तक सक्रिय रहें। कई सरकारी अधिकारियों ने अनौपचारिक रूप से यह स्वीकार किया है कि मोदी जी की कार्यशैली के कारण उन्हें भी अपने समय की कुर्बानी देनी पड़ती है।

कुछ रोचक घटनाएं

  • 2016 में नोटबंदी की घोषणा रात 8 बजे की गई थी, जिसने देशभर में रात भर हलचल मचा दी थी।
  • 2019 में बालाकोट एयर स्ट्राइक से पहले रातभर रणनीति तैयार होती रही और सुबह सर्जिकल स्ट्राइक हुई।
  • कोविड-19 महामारी के दौरान कई उच्चस्तरीय बैठकें रात में आयोजित की गईं।

इन घटनाओं से स्पष्ट है कि नरेंद्र मोदी रात के समय का उपयोग महत्वपूर्ण निर्णयों के लिए करते हैं।

निष्कर्ष

यह कहना कि मोदी जी “सिर्फ” रात में ही काम करते हैं, पूरी तरह से सही नहीं होगा। दरअसल, वे दिन-रात काम करते हैं, लेकिन उनकी रात की सक्रियता ज्यादा चर्चा में रहती है क्योंकि उस समय आमतौर पर देश के अन्य राजनेता और अधिकारी विश्राम करते हैं। उनका काम करने का यह तरीका न केवल उनकी निजी प्रतिबद्धता को दर्शाता है बल्कि यह भी दिखाता है कि वे हर परिस्थिति में उपलब्ध रहना चाहते हैं।

नरेंद्र मोदी की यह विशेषता उन्हें भारत के अन्य प्रधानमंत्रियों से अलग बनाती है। देश का प्रधानमंत्री होने का मतलब सिर्फ निर्णय लेना नहीं है, बल्कि 24 घंटे राष्ट्र के लिए समर्पित रहना है—और इसमें मोदी जी बेशक एक मिसाल हैं।

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