एक समय था जब ड्राइविंग करने का काम केवल पुरुषों के लिए ही होता है ऐसी मान्यता समाज में फैली हुई थी। लेकिन आज के समय में हम देख रहे हैं कि समाज तेज गति से बदल रहा है और पुरुषों और महिलाओं के बीच का भेद धीरे-धीरे समाप्त होता जा रहा है। अब महिलाएं भी हर क्षेत्र में पैसे कमाने के लिए बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रही हैं। महिलाओं का आत्म सम्मान बढ़ता जा रहा है। ऐसी ही एक महिला के बारे में हम आपको इस लेख में बता रहे हैं जिसने अपनी खराब परिस्थिति को सुधारने के लिए टैक्सी ड्राइवर के पेशे को चुन लिया। जबकि यह महिला ग्रेजुएशन तक पढ़ाई भी कर चुकी है।
शुरुआत में टैक्सी चलाने में आई दिक्कत
हम जिस महिला की बात कर रहे हैं उसका नाम है मीनाक्षी नेगी। मीनाक्षी हिमाचल प्रदेश के शिमला की रहने वाली है और वह शिमला में लोकल टैक्सी ड्राइवर के रूप में काम कर रही है। हालांकि अब जैसे ही धीरे धीरे मीनाक्षी का कॉन्फिडेंस बढ़ता गया तो वे शिमला से दिल्ली और चंडीगढ़ के भी टूर पर कभी कभी निकल जाती है।
बता दें कि शुरुआत में मीनाक्षी स्कूल वैन को चला कर अपना गुजारा करती थी। रोजाना के स्कूल के बच्चों को घर से स्कूल तक छोड़ना और स्कूल से घर तक छोड़ने का काम करके थी। लेकिन लॉकडाउन के समय जब सारे स्कूल बंद हो गए तो मीनाक्षी के सामने एक आर्थिक संकट खड़ा हो गया।
धीरे धीरे सब कुछ सामान्य होता चला गया
इसके बाद मीनाक्षी ने बताओ और टैक्सी ड्राइवर काम करने के बारे में सोचा और वह इस पेशे में उतर गई। टैक्सी ड्राइवर के रूप में गाड़ी चलाते हुए शुरुआत में तो मीनाक्षी को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। लेकिन उन्होंने बताया कि शिमला में महिला सुरक्षा काफी अच्छी है इसलिए उन्हें धीरे-धीरे इस प्रोफेशन में सहजता महसूस होने लगी।
मीनाक्षी को साथ देने के लिए उनके वर्कप्लेस पर काम करने वाले अन्य ड्राइवरों ने भी उनकी काफी मदद की। आखिरकार अब मीनाक्षी काफी अच्छी टैक्सी ड्राइवर बन चुकी है और वह रोजाना काफी पैसे भी कमा लेती है।
देर रात तक भी चला लेती है टैक्सी
बता दें कि मीनाक्षी रोज सुबह 9:00 बजे से लेकर रात 8:00 बजे तक टैक्सी चलाती है। कभी-कभी तो मीनाक्षी को सुबह 5:00 बजे ही घर से निकलना पड़ता है और रात 12:00 बजे तक वे टैक्सी चला लेती है। शिमला में महिला सुरक्षा को लेकर कोई दिक्कत नहीं है इसलिए कभी कबार तो वे रात में भी टैक्सी चला लेती है। बता दें कि मीनाक्षी की दो बेटियां हैं जिनमें बड़ी बेटी 12वीं कक्षा में पढ़ रही है और छोटी बेटी आठवीं कक्षा में पढ़ रही है। आज के समय मीनाक्षी महिला सशक्तिकरण का एक सर्वोत्तम उदाहरण बनकर उभरी है।