लो जी आ गया मिट्टी का AC, ना बिजली के बिल की टेंशन ना बिजली की परवाह

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जैसे जैसे मौसम में गर्मी का असर बढ़ता जा रहा है वैसे वैसे गर्मी से राहत पाने के उपकरण बाजार में धीरे धीरे आ रहे है। शहरी लोगो ने तो अभी से अपने Ac एवं पंखों की सर्विस करवानी भी शुरू करदी हैं । ऐसे में बिजली इज उपकरणों को चलाने में बिजली की का बिल बढ़ना भी लाजमी है।ऐसे में आप बिजली के बिल को कम करने का उपाय तलाशते है। आईये बताते है हम ऐसे ही एक विकल्प के बारे में आपको।

टेराकोटा मिट्टी से तैयार किया गया है टेराकोटा एसी

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टेराकोटा एसी (Terracotta AC) नामक इस बहतरीन उपकरण को टेराकोटा मिट्टी (Terracotta Mud) से बनाया गया है, जो काफी हद तक मधुमक्खी के छत्ते की जैसा दिखाई देता है।

मधुमक्खी के छत्ते जैसा दिखने वाला ये उपकरण को बीहाइव एसी (Beehive air conditioner) के नाम से भी जाना जाता है, जिसे दिल्ली में रहने वाले आर्किटेक्ट मोनीष सिरिपुरापू ने बनाया है। मनीष कई सालों से मिट्टी की विभिन्न किस्मों पर काम कर रहे थे, ताकि वह ये जान सके कौन सी मिट्टी से एसी जैसा अहम उपकरण बनाया जा सके। आखिरकार मनीष की सालों की मेहनत रंग लाई और ऐसी मिट्टी के बारे में जानकारी जुटा ली जिससे एसी बनाया जा सकता है।

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मोनीष बताते है उन्होंने दिल्ली की एक फैक्ट्री में मजदूरों को भीषण गर्मी के बीच काम करते हुए देखा था, लिहाजा उन्होंने एक ऐसा एसी (Mitti Ka AC) बनाने का फैसला किया जो फैक्ट्री की गर्मी को ठंडे माहौल में चेंज कर सके भी जिससे फेक्ट्री का वातावरण बिल्कुल ठंडा हो जाये। ऐसे में उस एसी को बनाने के लिए मोनीष ने विभिन्न मिट्टियों पर शोध करना प्रारंभ कर दिया।हालांकि इस प्रयोग में मनीष को कई साल में सफलता हाथ लगी, बेइंतहा शोध करने के बाद उन्हें इस काम के लिए टेराकोटा मिट्टी (Terracotta Mud) सबसे उपयोगी लगी।

ऐसे काम करता है AC

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टेराकोटा मिट्टी से एसी तैयार करना का तातपर्य यह था कि जब मिट्टी से बना घड़ा पानी को लगातार कई घंटों तक ठंडा रख सकता है, तो फिर मिट्टी से बना एसी (Mitti Ka AC) ठंडी हवा भी दे सकता है। इसी प्लान पर काम करते हुए मोनीष और उनकी टीम ने टेराकोटा एसी तैयार किया, जिसे मधुमक्खी के छत्ते का डिजाइन दिया गया था।

इसके बाद टेराकोटा एसी (Terracotta AC) को उपयोग में लाने के लिए मिट्टी से बने पाइप यानी ट्यूब के जरिए पानी भरा जाता है, जो ट्यूब के नीचे बने एक बड़े से टैंक में जाकर इक्कठा हो जाता है। उस टैंक में मौजूद पानी इलेक्ट्रिक मोटर की मदद से बार-बार ट्यूब से होकर गुजरता है, जिसकी वजह से पाइप के अंदर से ठंडी हवा बाहर आती है।

मोनीष सिरिपूरापू की मानें तो मिट्टी से बना यह एसी (Mud AC) बड़ी फैक्ट्रियों को अंदर से ठंडा रखने का काम करता है, जहाँ सैकड़ों की संख्या में मजदूर गर्मी के बीच काम करते हैं। टेराकोटा एसी को एक ऐसी फैक्ट्री में लगाया गया है, जहाँ डीजल की खपत ज्यादा होने की वजह से आसपास का तापमान बहुत ज्यादा गर्म हो जाता है।

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