अनेक बार हम खबरों में देखते हैं कि प्रशासन की छोटी-मोटी गलतियों के कारण सामान्य लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। प्रशासन के द्वारा ऐसी गलतियां जानबूझकर नहीं की जाती बल्कि आधुनिक तंत्र में कोई खराबी आ जाने के कारण ऐसी गलतियां होती रहती है।
प्रशासन की ऐसी ही एक गलती के कारण मथुरा के रहने वाले एक सामान्य से रिक्शा चालक को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। जानकारी के अनुसार रिक्शा चालक को इनकम टैक्स के द्वारा तीन करोड़ रुपए चुकाने का नोटिस दिया गया जिसके बाद वह हक्का-बक्का रह गया।
जानकारी के अनुसार मथुरा के हाईवे थाना क्षेत्र की अमर कॉलोनी में रहने वाले प्रताप सिंह एक रिक्शा चालक है और रिक्शा चलाकर ही अपने परिवार का पालन पोषण करते हैं। प्रताप सिंह की आर्थिक परिस्थिति इतनी अच्छी नहीं है कि वह करोड़ों रुपए की कमाई कर सके परंतु उन्हें करोड़ों रुपए का इनकम टैक्स चुकाने का नोटिस जब इनकम टैक्स विभाग के द्वारा दिया गया तो उनकी मुश्किलें काफी बढ़ गई।
इनकम टैक्स के द्वारा दिए गए इतने बड़े नोटिस को लेकर जब प्रताप सिंह इनकम टैक्स ऑफिस में पहुंचे तो वहां पर बैठे अधिकारियों ने उन्हें पहले पूरे पैसे चुकाने के लिए कहा।
प्रताप सिंह ने इनकम टैक्स के अधिकारियों को अपनी आपबीती सुनाई और अपने परिवार की आर्थिक स्थिति सहित अपना पेशा बताया तो इनकम टैक्स के अधिकारी भी हैरान रहेगा। इनकम टैक्स के अधिकारियों ने तुरंत प्रताप सिंह को पुलिस स्टेशन में जाकर शिकायत दर्ज करवाने की सलाह दी। प्रताप सिंह अपनी शिकायत लेकर पुलिस स्टेशन गए और वहां पर उन्होंने यह पूरा मामला दर्ज करवाया।
पुलिस के द्वारा मामले की खोजबीन किए जाने के बाद पता चला कि प्रताप सिंह के द्वारा पैन कार्ड बनवाने के लिए जो अर्जी दी गई थी उसके बाद उनके पैन कार्ड से छेड़खानी की गई जिसके कारण उनके ऊपर यह विपदा आन पड़ी।
जानकारी के अनुसार प्रताप सिंह ने 6 महीने पहले पैन कार्ड बनवाने के लिए अर्जी दी थी जिसके बाद अभी तक उनका पैन कार्ड आया नहीं था। परंतु 3 दिन पहले अचानक उन्हें इनकम टैक्स के द्वारा नोटिस भेजी गई जिसमें लिखा था कि उन्हें इनकम टैक्स के 3 करोड रुपए चुकाने होंगे।
यह पूरा घटनाक्रम या तो प्रशासन की गलती के कारण हुआ है या फिर आधुनिक तंत्र की कमी के कारण हुआ है। परंतु इन सभी के कारण प्रताप सिंह को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा और उन्हें इनकम टैक्स सहित पुलिस स्टेशन के चक्कर काटने पड़े।