आज के समय में हम रास्तों पर कई ऐसे लोगों को देखते हैं जिनके शरीर के सारे पुर्जे सही सलामत होते हैं और वे जवान भी होते हैं बावजूद इसके भी भीख मांग कर अपना गुजारा करने का प्रयास करते हैं। कई लोग तो ऐसे होते हैं जिन्हें काम चो’री और आलस ने ग्रसित किया होता है जिसके कारण वे काम करने से कतराते हैं।
परंतु हम आपको एक ऐसी महिला की दास्तान सुनाने जा रहे हैं जो कि काफी बुजुर्ग है बावजूद इसके वे आत्म सम्मान और स्वाभिमान खोना नहीं चाहती और भीख मांगने के बजाय रास्ते पर पेन बेच कर अपना गुजारा चलाने का प्रयास करती है। महिला की प्रेरक दास्तान सुनकर आप भी काफी अच्छा महसूस करेंगे।
जानकारी के अनुसार पुणे के एमजी रोड पर स्थित इलाके में रतन नाम की एक बुजुर्ग महिला पेन बेचने का काम करती है। बताया जा रहा है कि इस महिला की आर्थिक परिस्थिति काफी खराब है जिसके कारण महिला को खुद कमा कर अपनी रोजी-रोटी चलानी पड़ती है।
परंतु सामान्य तौर पर हम देखते हैं कि इतना बुजुर्ग व्यक्ति सहारा ना हो पानी पर या तो भीख मांगता है या तो किसी वृद्ध आश्रम में जाकर रहता है परंतु रतन नाम की इस बुजुर्ग महिला के विषय में बिल्कुल अलग चित्र दिखाई दे रहा है। महिला अपने साथ एक बैनर लेकर घूम रही है जिस पर काफी प्रेरक बात लिखी हुई है।
बुजुर्ग महिला अपने साथ जो पोस्ट कार्ड लेकर घूमती है उस पर लिखा है कि “मुझे भीख नहीं चाहिए, कृप्या 10 रू’पये का नीला पेन खरीद लो” आगे महिला ने लोगों को धन्यवाद और आशीर्वाद भी लिखा है। यह महिला इतनी स्वाभिमानी है कि वह इतनी बुजुर्ग होने के बावजूद भी भीख मांग कर नहीं बल्कि मेहनत करके रोटी कमाना चाहती है।
सोश’ल मी’डिया पर जैसे ही इस महिला की अनोखी और स्वाभिमानी दास्तान शेयर हुई वैसे ही लोगों ने महिला की मदद करने के लिए अन्य लोगों से गुहार लगाई और इस उम्र में भी महिला के जज्बे को लोगों के द्वारा सलाम किया गया और उसकी हिम्मत की काफी प्रशंसा की जाने लगी।
बुजुर्ग महिला की यह तस्वीर सांसद विजय साई रेड्डी ने सबसे पहले सो’शल मीडि’या पर शेयर की। सांसद विजय साई रेड्डी के द्वारा शेयर की गई इस तस्वीर को देखकर लोगों का मन भर आया और लोगों ने इस बुजुर्ग महिला की हिम्मत की काफी सराहना की। आज के समय में जिन लोगों को भी काम करने के लिए आलस आता है और जो लोग शरीर सही सलामत होने के बावजूद भी भीख मांगने का काम करते हैं ऐसे सभी लोगों को रतन नाम की इस बुजुर्ग महिला से प्रेरणा लेनी चाहिए। सचमुच स्वाभिमान हो तो इस बुजुर्ग महिला के जैसा वरना ना हो।