मदर्स डे पर मां को किडनी देकर बचाई जान, सफल हुई ट्रांसप्लांट
कहते है मां भगवान का रूप होती है, दुनियां में मां की ममता सबसे न्यारी होती है। आज हम आपको एक ऐसे बेटे के बारे में बताने जा रहे है जिसने अपनी जान पर खेलकर अपनी मां को नई जिंदगी दी। दरअसल ये कहानी एक 25 साल के बेटे और उसकी मां की है। 25 साल के इस बेटे ने अपनी मां को अपनी एक किडनी दी और उनकी जान बचाई।
दरअसल, मां की किडनी फैल होने के बाद डॉक्टरों ने जवाब दे दिया था कि किडनी बिल्कुल डैमेज हो चुकी है, और कुछ दिन में ये किडनी काम खत्म करना बंद कर देगी जिससे इनकी जान को खतरा है। इस बीच किडनी ट्रांसप्लांट ही एक मात्र इलाज है जिससे इनकी जान बचाई जा सकती है। ऐसे बेटे ने अपनी मां को किडनी डोनेट कर उनकी जान बचाई। और जिस दिन इस बेटे ने अपनी मां को किडनी डोनेट की उस दिन मदर्स डे था। मदर्स डे पर एक मां के लिए इससे बेहतर क्या तोहफा हो सकता है, जिस बच्चे को मां ने जन्म दिया और उसी बच्चे ने अपनी मां की जान बचाई।
पिया मुखर्जी जिनकी उम्र 45 साल है पिया का इलाज आकाश हॉस्पिटल में चल रहा था। यूरोलॉजी विभाग के एचऑडी डॉक्टर विकास अग्रवाल ने बताया कि महिला के पैर में कुछ दिनों से लगातार तकलीफ हो रही थी। इस दौरान उन्हें बिना काम किये जी बेवजह थकान महसूस हो रही थी। इस बीच उनका वजन भी तेजी से कम हो रहा था। इसके बाद महिला को हॉस्पिटल लाया गया जिसमें उनके कुछ टेस्ट हुए और किडनी का टेस्ट भी इसमी शामिल था।
बाकी सभी टेस्ट की रिपोर्ट तो सही थी लेकिन किडनी की रिपोर्ट में पता चला कि पिया की किडनी डैमेज हो चुकी है, और किडनी अंतिम स्टेज में है। मां को गम्भीर स्थिति में देखकर बेटा आगे आया और डॉक्टर से अपनी किडनी देनी की बात कही। डॉक्टर ने बेटे के कहने पर उनकी किडनी की जांच की। ये जांच इसलिए की जाती है इसमे पता चलता है कि क्या किडनी ट्रांसप्लांट के लिए मेल खाती है या नही इसके बाद ही किडनी ट्रांसप्लांट की प्रक्रिया आगे बढ़ाई जाती जाती है।बेटे की किडनी की जांच करने के बाद डॉक्टरों ने किडनी ट्रांसप्लांट के लिए हामी भरदी।