हमारे देश में किसी समय विधवा पुनर्विवाह पर पूरी तरह से रोक लगी हुई थी। कई सारी सामाजिक रूढ़िवादी परंपराओं के कारण ऐसे कई सारी विधवा महिलाएं आजीवन विधवा बनकर ही रह गई। लेकिन आप समाज प्रगति की ओर बढ़ रहा है और लोग जागृत हो रहे हैं।
ऐसे में उन रूढ़ीवादी परंपराओं को तोड़कर नए-नए रिवाज अपनाए जा रहे हैं जिनके कारण समाज की दिशा और दशा दोनों बदली हुई दिखाई दे रही है। हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि एक ऐसा मामला सामने आया है जहां पर बेटे की मौत हो जाने के बाद ससुराल वालों ने अपनी विधवा बहू की शादी अपने छोटे बेटे से करवा दी।
विधवा बहू की कराई छोटे बेटे से शादी
हम जिस घटना के बारे में बताने जा रहे हैं यह उत्तर प्रदेश के बांदा जिले की है। यहां पर एक परिवार ने अपने बड़े बेटे की मौत हो जाने के बाद उसकी विधवा हो चुकी पत्नी की शादी अपने ही छोटे बेटे यानी उस विधवा बहू के देवर के साथ करा भी। ससुराल वालों ने इस शादी को काफी धूमधाम से कराया।
इस शादी के लिए बड़ा मैरिज हॉल बुक करवाया गया और सभी मेहमानों सहित दोस्तों को भी आमंत्रित किया गया। शादी का समारोह देखकर हर कोई भौचक्का रह गया और किसी को यकीन ही नहीं हुआ कि यह विधवा बहू की दूसरी शादी कराई जा रही है।
काफी धूमधाम से हुई शादी
बता दे कि जो लड़की विधवा हुई थी उसका नाम वंदना सिंह है। वंदना सिंह की शादी इस परिवार के बड़े बेटे के साथ हुई थी लेकिन शादी के काफी कम समय बीतने पर ही वंदना के पति का निधन हो गया। पति के निधन से वंदना काफी दुखी हो गई थी और साथ ही पूरे परिवार में भी शौक का वातावरण छाया हुआ था।
लेकिन बहुत जल्द ही पूरे परिवार ने मिलकर वंदना की शादी अपने छोटे बेटे शुभम से करने का फैसला कर लिया। इसके लिए परिवार ने क्षत्रिय महासभा यानी उनके समाज वाले लोगों से भी परमिशन ले ली। जिसके बाद काफी धूमधाम से यह शादी संपन्न हुई।
बहू ने की ससुराल वालों की सराहना
वंदना अपने ससुराल वालों के बारे में बताती है कि उनके ससुराल वाले बहुत अच्छे लोग हैं। जब वे शादी करके अपने मायके से ससुराल आई थी तो उन्हें बिल्कुल पराए घर में आने जैसा महसूस नहीं हुआ। वंदना ने बताया कि उनके ससुराल वालों ने उन्हें बेटी की जैसे रखा।
वही शुभम की भी इस बात के लिए तारीफ की जानी चाहिए कि उसने अपनी विधवा भाभी को अपनी पत्नी का दर्जा दिया और उनसे शादी का भी। इस शादी से समाज में एक बहुत बड़ा संदेश गया है।