बच्चे की पहचान किन्नर के रूप में हुई तो, माँ बाप में छोड़ दिया बच्चा, फिर भी न माना हार, बना देश का पहला ट्रांसजेंडर पायलट

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बच्चे की पहचान किन्नर के रूप में हुई तो, माँ बाप में छोड़ दिया बच्चा, फिर भी न माना हार, बना देश का पहला ट्रांसजेंडर पायलट

बच्चा भले ही कैसा भी हो लेकिन मां बाप का प्यार हमेशा उसके साथ रहता है। कोई भी माँ बाप ये नही चाहते कि उनका बच्चा हमेशा के लिए उनसे दूर हो।

बच्चे की पहचान किन्नर के रूप में हुई तो, माँ बाप में छोड़ दिया बच्चा, फिर भी न माना हार, बना देश का पहला ट्रांसजेंडर पायलट
बच्चे की पहचान किन्नर के रूप में हुई तो, माँ बाप में छोड़ दिया बच्चा, फिर भी न माना हार, बना देश का पहला ट्रांसजेंडर पायलट

लेकिन आज हम आपको इस लेख के माध्यम से एक ऐसे मामले के बारे में बताने जा रहे है जिसे पढ़ने के बाद आप हैरान रह जाएंगे।हम बता रहे है आपको ऐसे माता पिता के बारे में जिन्होंने अपने बेटे को इसलिए छोड़ दिया क्योंकि वह किन्नर था।

माता पिता को अपने इस बच्चे के बारे कुछ समय बाद पता चलता है कि उनका बच्चा किन्नर है जिसके बाद माता पिता इस बच्चे को अपनाने से मना कर देते है। इसके बाद इस बच्चे ने कुछ ऐसा कर दिया जो इस परिवार का मान बढ़ाने के लिए काफी था।

बच्चे की पहचान किन्नर के रूप में हुई तो, माँ बाप में छोड़ दिया बच्चा, फिर भी न माना हार, बना देश का पहला ट्रांसजेंडर पायलट
बच्चे की पहचान किन्नर के रूप में हुई तो, माँ बाप में छोड़ दिया बच्चा, फिर भी न माना हार, बना देश का पहला ट्रांसजेंडर पायलट

जिस बच्चे को माँ बाप ने किन्नर समझकर छोड़ दिया आज उसी बच्चे ने पूरे परिवार का नाम रिशन कर दिया।इस शख्स का नाम एडम हैरी है जो देश के पहले ट्रांसजेंडर पायलट है।एडम हैरी के माता पिता को जब ये पता चला कि उनका बेटा ट्रांसजेंडर है तो उन्होंने एडम को घर निकाल दिया।
एडम घर से निकल तो गए लेकिन उनके पास अपना जीवन व्यतीत करने लिए न तो कोई पैसे थे और न ही रहने के लिए कोई उचित साधन।
घर से निकाल देने के बाद एडम का कोई नही था।
बावजूद इसके विपरीत परिस्थितियों में एडम ने कभी हार नही मानी और फुटपाथ पर सोकर राते गुजारी। और हर नही मानी।

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बचपन से एडम का सपना था कि वो पायलट बने।
ये सपना पूरा करने के लिए एडम ने प्राइवेट पायलट लाइसेंस का परिशिक्षण लिया। साल 2017 में उन्हें ये लाइसेंस मिल गया।एडम के पास खर्चे पानी निकालने के पैसे भी नही होते थे। कारणवश उन्होंने एक जूस की दुकान पर काम किया, और अपना भरणपोषण किया। इसके बाद एडम ने सोशल जस्टिस विभाग में पढ़ाई करने के लिए मदद की गुहार लगाई।जिसके बाद उन्हें एविएशन एकेडमी जॉइन करने की सलाह दी गई।

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इस बीच उनकी इस बुरी दशा में केरल सरकार ने उनके सपने को सच करने के लिए 22 लाख 34 हजार की स्कोलरशिप दी।जिसकी सहायता से वो कॉमर्शियल पायलट बन सके। जिस परिवार ने उन्हें दुत्कारा था आज वही परिवार के लोग अपने बेटे पर गर्व महसूस करते है।

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