पुरानी बुलेट से बनाया शानदार ट्रेक्टर, कीमत भी है बहुत कम
महाराष्ट्र के लातूर में स्थानिय लोग कई सालों से कम पानी और बारिश न होने की समस्या से परेशान है। किसानों की इस समस्या का सरकार भी कोई हल नही करती। यहाँ के लोग कई बार पानी की समस्या को लेकर आवाज़ उठा चुके है लेकिन कोई उनकी सुनता नही है।
इन किसानो में से एक ऐसे किसान है जो 3 एकड़ जमीन में खेती करते है । इनका नाम मकबूल शेख है। मकबूल शेख ने मजबुरी में अपने बैलों को भी बेच दिया था। इसके बाद उन्हें खेती करने में और भी ज्यादा समस्याओं का सामना करना पड़ने लग गया था। लेकिन, मकबूल ने इस समस्या को एक अवसर की तरह देखा, और समाधान निकालने के लिए अपने दिमाग के घोड़ो को दौड़ाने लग गए।और आख़िरकार उन्होंने समाधान निकाल ही लिया। उन्होंने एक ऐसा आविष्कार किया जो उनके ही नही , बल्कि सैंकड़ो स्थानिय लोगो के काम आ रहा है।
बुलेट से बनाया, ट्रैक्टर
मकबूल ने एक ऐसा ट्रैक्टर बनाया जो कि बुलेट से बनाया गया था। जी हाँ, ये ट्रैक्टर मकबूल ने बुलेट से बनाया था। और इस ट्रैक्टर की कीमत, बाजार में मिलने वाले ट्रैक्टर से बहुत कम है।
उनका ये आविष्कार इतना प्रसिद्ध हुआ कि अब तक सैंकड़ो किसान उनसे ये ट्रैक्टर खरीद चुके है और वो इस ट्रैक्टर के साथ बहुत सन्तुष्ट भी है। इस ट्रैक्टर के लिए मकबूल को सरकार ने भी सम्मानित किया है।
बाजार में मिलने वाले ट्रैक्टर से 10 गुना कम है कीमत
इस ट्रैक्टर को एक छोटे तबके वाला किसान भी आसानी से ले सकता है। क्योंकि इसकी कीमत बहुत कम रखी गई है। ये अविष्कार करने की प्रेरणा उन्हें अपने बड़े भाई ट्रैक्टर वर्कशॉप, ‘एग्रो वन ट्रेलर्स ऐंड मंसूरभाई ट्रैक्टर्स’ में काम करने से मिली। मकबूल बताते है कि उन्होंने अपने बड़े भाई की दुकान पर बचपन मे काम किया था। लेकिन, कुछ वर्ष पहले बड़े भाई के देहांत होने के बाद मकबूल खेती के साथ साथ, दुकान का कामकाज भी खुद देखने लगे।
मकबूल का कहना है कि वो ये ट्रैक्टर बनाने लिए 2016 से काम कर रहे है। मकबूल ने बताया कि, भाई की वर्कशॉप पर काम करने के कारण मुझे ट्रैक्टर बनाने की सभी तकनीकें पता थीं। इसलिए मैंने तीन पहियों वाला, 10 एचपी इंजन का ट्रैक्टर बनाने का सोचा। ट्रैक्टर को अंतिम प्रारूप देने में उन्हें 2 साल से ज्यादा का समय लगा।
मकबूल बताते है कि उन्होंने ये ट्रैक्टर बनाने के लिए 100 बार से ज्यादा बार प्रयास किया। ये इसलिए होता था क्योंकि मैं चाहता था कि ये ट्रैक्टर कम ईंधन खपत वाला हो। मकबूल ने आगे बताया कि उन्हें इस ट्रैक्टर का खेतो में प्रशिक्षण करने में कई महीने लगें। उसके बाद मैने 5 ट्रैकर मैंने खेतो में टैस्टिंग करने के लिए किसानों को दिए। 2018 वो साल था जब मकबूल की कई सालों की मेहनत रंग लाई और ट्रैक्टर बनकर तैयार ही गया।
अब उनका ये ट्रैक्टर एक हफ्ते में बनकर तैयार हो जाता है। मकबूल बताते है कि एक सामान्य ट्रैक्टर की कीमत 7 से 9 लाख रुपये के बीच होती है। लेकिन उन्होंने अपने बड़े मॉडल की कीमत 1 लाख 60 हजार रुपये रखी है और छोटे मॉडल की कीमत मात्र 60 हजार रुपये है।