किसी समय बेटी को काफी हीन भावना से देखा जाता था। समाज की अक्सर ऐसी मान्यता थी कि बेटियां बेटों से कमजोर होती है। समाज में सामान्य रूप से ऐसी सोच प्रचलित थी कि किसी बड़े काम को करने के लिए बेटे ही चाहिए। परंतु आज के समय में देश की बेटियों ने सामान्य समाज की ऐसी सोच बदलने का पूरा काम किया है।
हम आज देखते हैं कि देश के कई क्षेत्रों में बेटियां ना केवल अपने परिवार का बल्कि पूरे देश का नाम रोशन कर रही है। फिर चाहे वह भारतीय सेना में योगदान देना हो या फिर खेल के क्षेत्र में। बेटियां सिविल सर्विसेज में भी देश का नाम रोशन कर रहे हैं। ऐसी ही एक बेटी की दास्तान हम आपको बताने जा रहे हैं।
उत्तर प्रदेश के हाफिजपुर इलाके में पढ़ने वाले उबारपुर गांव की रहने वाली अपेक्षा निंबाडिया की यह दास्तान सुनकर सचमुच में आपका भी सीना गर्व से चौड़ा हो जाएगा। अपेक्षा बचपन से ही पढ़ने लिखने में काफी होशियार थी। अपेक्षा ने गौतम बुध नगर यूनिवर्सिटी से बीटेक किया और गोल्ड मेडल प्राप्त किया। उसके बाद अपेक्षा सिविल सर्विसेज की तैयारी में जुट गई। उन्होंने साल 2017 में स्टेट पीसीएस दी।
उसके बाद लगातार वे लोक सेवा आयोग की तैयारी में जुटी रही। अपेक्षा ने बाद में डिप्टी एसपी के लिए आवेदन दिया और वे डिप्टी एसपी के पद पर भी नियुक्त हो गए। अपेक्षा कि यह कामयाबी न केवल उनके लिए बल्कि उनके पिता आनंदपाल सिंह के लिए भी बहुत बड़ी सफलता थी।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि अपेक्षा के पिता आनंदपाल सिंह डीआईजी के पद पर तैनात है। आनंदपाल सिंह मध्यप्रदेश के आइटीबीपी में डीआईजी के पद पर रहते हुए अपनी सेवाएं दे रहे हैं। बीते सोमवार को ही मुरादाबाद के डॉक्टर बी आर अंबेडकर ट्रेनिंग अकादमी से अपेक्षा की ट्रेनिंग पूरी हुई।
ट्रेनिंग पूरी होने के बाद पासिंग आउट परेड समारोह में अपेक्षा के पिता डीआईजी आनंदपाल सिंह भी उपस्थित रहे। इस समारोह कार्यक्रम में परेड के दौरान अपेक्षा ने अपने पिता डीआईजी आनंदपाल सिंह को सैल्यूट किया जिसे देखकर हर किसी को गर्व महसूस हुआ।
आनंदपाल सिंह ने बताया कि उन्हें इस बात पर बहुत गर्व है कि उनकी बेटी ने उनके सपने को साकार किया। आनंदपाल सिंह ने कहा कि वह हमेशा से ही अपनी बेटी को ऐसी सफलता को प्राप्त करने के लिए प्रेरित करते रहते थे। अपेक्षा ने भी बताया कि वह अपनी इस सफलता से बहुत खुश है और अब वे जिस पद के लिए नियुक्त हुई है उस पद को पूरी ईमानदारी से निभाएंगे।
इतना ही नहीं वे अब देश और समाज के लिए पूर्ण रूप से समर्पित होकर काम करेंगी। आज के समय में जब आधुनिकता की ओर बढ़ते हुए पूरे विश्व को देखा जा सकता है तब देश की सभी बेटियों को अपेक्षा जैसी बेटियों से प्रेरणा लेनी चाहिए।