पिता गांव-गांव घूमकर कपड़े बेचने का काम करते थे, बेटा बन गया IAS अफसर, कूल तिन प्रयास करने पड़े

यूपीएससी की परीक्षा देश की सबसे कठिन परीक्षा मानी जाती है। इस परीक्षा में पास होने के लिए प्रति वर्ष लाखों विद्यार्थी सहभाग लेते हैं और प्रतियोगिता का हिस्सा बनते हैं।

पिता गांव-गांव घूमकर कपड़े बेचने का काम करते थे, बेटा बन गया IAS अफसर, कूल तिन प्रयास करने पड़े
पिता गांव-गांव घूमकर कपड़े बेचने का काम करते थे, बेटा बन गया IAS अफसर, कूल तिन प्रयास करने पड़े

प्रतियोगी परीक्षाओं में यूपीएससी सबसे बड़ी परीक्षा है। लाखों विद्यार्थी सहभागी होने के बाद केवल हजार के आसपास ही विद्यार्थी इस परीक्षा में पास हो पाते हैं और आईएएस के लिए चयनित किए जाते हैं। कहते हैं इस परीक्षा को पास करना हिमालय चढ़ने के समान है। परंतु यदि सही तकनीक का उपयोग करके पढ़ाई की जाए तो यह हिमालय भी आसान हो जाता है।

 

बीते शुक्रवार को ही यूपीएससी कि साल 2020 में हुई परीक्षा का रिजल्ट घोषित किया गया। इस बार यूपीएससी में चयनित हुए कई अभ्यर्थियों की कहानी सुनने लायक और काफी दिलचस्प है। कई ऐसे अभ्यर्थियों का चयन आईएएस के लिए हुआ है जो कि बहुत ही सामान्य परिस्थिति से और संघर्ष में जीवन बिता कर आए हैं। ऐसे ही एक है किशनगंज के अनिल बिसाक।

पिता गांव-गांव घूमकर कपड़े बेचने का काम करते थे, बेटा बन गया IAS अफसर, कूल तिन प्रयास करने पड़े
पिता गांव-गांव घूमकर कपड़े बेचने का काम करते थे, बेटा बन गया IAS अफसर, कूल तिन प्रयास करने पड़े

अनिल बिसाख के परिवार की पृष्ठभूमि बहुत ही सामान्य है। अनिल बिसाख के पिता विनोद बिसाख गांव-गांव घूमकर फेरी लगाते थे और कपड़े बेचने का काम करते थे पूर्णविराम उन्हें पैसों से उनका घर चलता था और बच्चों की पढ़ाई भी होती थी। एक सामान्य परिवार से आए हुए इस व्यक्ति ने यूपीएससी 2020 में 45वां रैंक हासिल करके अपना और अपने परिवार का नाम रोशन कर दिया।

अनिल बिस्वास ने अपनी आठवीं कक्षा तक की पढ़ाई किशनगंज के ओरिएंटल पब्लिक स्कूल से की। आठवीं के बाद की पढ़ाई करने के लिए अनिल बिसाख ने अररिया के पब्लिक स्कूल का रुख किया और वहां से अपनी 12वीं कक्षा की पढ़ाई पूरी की।

पिता गांव-गांव घूमकर कपड़े बेचने का काम करते थे, बेटा बन गया IAS अफसर, कूल तिन प्रयास करने पड़े
पिता गांव-गांव घूमकर कपड़े बेचने का काम करते थे, बेटा बन गया IAS अफसर, कूल तिन प्रयास करने पड़े

12वीं कक्षा की पढ़ाई पूरी करने के बाद अनिल बिसाख ने दिल्ली आईआईटी में चयनित होने के लिए प्रयास किए और वह सफल भी रहे। दिल्ली आईआईटी से अनिल बिसाख ने सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की और वे तुरंत यूपीएससी की तैयारी में जुट गए। अनिल बिसाख ने यूपीएससी की परीक्षा में पास होने के लिए अब तक कुल 3 प्रयास किए।

पहले प्रयास में अनिल सफल नहीं हो पाए थे परंतु उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और अपनी पढ़ाई जारी रखी। अपने दूसरे प्रयास में अनिल सफल तो हुए परंतु उन्हें मनचाहा रैंक नहीं मिल पाया। दूसरे प्रयास में अनिल को 616वां रैंक मिला जो कि उन्हें उनके सपनों तक पहुंचाने के लिए पर्याप्त नहीं था। परंतु अनिल ने इस बार भी मेहनत और लगन करके पढ़ाई जारी रखी और आखिरकार वह कर दिखाया जिसका उन्होंने सपना देखा था।

साल 2020 में हुई यूपीएससी की परीक्षा में अनिल बिसाख को 45वां रैंक प्राप्त हुआ। अपनी इस सफलता के बाद अनिल बिशाख काफी खुश दिखे और उनके परिवार वालों को भी उनके ऊपर काफी गर्व महसूस हो रहा है। अनिल विसाख को उनके परिवार वाले और रिश्तेदारों समेत उनके टीचर और दोस्त भी काफी शुभकामनाएं दे रहे हैं।

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