पत्नी की याद में बनवाया शानदार मन्दिर, मन्दिर में पत्नी की मूर्ति को करवाया स्थापित, जानिए दिलचस्प कहानी

पत्नी की याद में बनवाया शानदार मन्दिर, मन्दिर में पत्नी की मूर्ति को करवाया स्थापित, जानिए दिलचस्प कहानी

शाहजहां और मुमताज की कहानी तो हर कोई वाकिफ है। शाहजहां ने अपनी प्रेमिका के लिए आगरा में ताजमहल बनवाया था जिसे देखने आज भो देश विदेश से लोग आते है। और ताजमहल को प्रेम का प्रतीक मानते है।

पत्नी की याद में बनवाया शानदार मन्दिर, मन्दिर में पत्नी की मूर्ति को करवाया स्थापित, जानिए दिलचस्प कहानी
पत्नी की याद में बनवाया शानदार मन्दिर, मन्दिर में पत्नी की मूर्ति को करवाया स्थापित, जानिए दिलचस्प कहानी

लेकिन आज हम एक ऐसे मामले के बारे में बताने जा रहे है जिसे पढ़कर आप भी सोचेंगे कि प्रेम की कोई परिभाषा नही होती और न ही प्रेम को शब्दों के मोतियों में पिरोहया जा सकता। हम बात कर रहे है ऐसे शख्स के बारे में जिसने अपनी पत्नी की याद म मन्दिर बनवा दिया। मामला मध्यप्रदेश के शाहजहांपुर का बताया जा रहा है,

पत्नी की याद में बनवाया शानदार मन्दिर, मन्दिर में पत्नी की मूर्ति को करवाया स्थापित, जानिए दिलचस्प कहानी
पत्नी की याद में बनवाया शानदार मन्दिर, मन्दिर में पत्नी की मूर्ति को करवाया स्थापित, जानिए दिलचस्प कहानी

सोशल मीडिया पर वाय*रल खबर के अनुसार मामला मध्यप्रदेश के शाहजहांपुर जिले के सांप खेड़ा गांव में स्थित मंदिर में किसी बंजारा समाज की स्वर्गीय गीता बाई राठौर की मूर्ति है और बात मन्दिर में मूर्ति होने तक ही खत्म नही होती। बताया जा रहा है उनके पति नारायण सिंह राठौड़ और उनके परिवार के सदस्य प्रतिदिन इस मूर्ति की पूजा करते हैं और रोजाना मूर्ति पर फूल अर्पित भी करते है। ये ही नही इस परिवार के लोग किसी भी शुभ कार्य से पहले इस मंदिर में आकर अपनी माता से आशीर्वाद लेते हैं और घर में जल्दी खाना बनता है तो सबसे मन्दिर में स्थित मूर्ति के लिए भोग लगाकर ही सबमे बांटा जाता है।

प्रतिदिन बदले जाते है मूर्ति के वस्त्र

पत्नी की याद में बनवाया शानदार मन्दिर, मन्दिर में पत्नी की मूर्ति को करवाया स्थापित, जानिए दिलचस्प कहानी
पत्नी की याद में बनवाया शानदार मन्दिर, मन्दिर में पत्नी की मूर्ति को करवाया स्थापित, जानिए दिलचस्प कहानी

मूर्ति पे कोई त्यौहार या पूजा के अवसर पर नई नई साड़ी पहनाई जाती है।बताया जा रहा है कि कोरोना की दूसरी लहर के चलते 27 अप्रैल को गीताबाई इस दुनियां को अलविदा कह गई थी। परिवार ने गीताबाई के इलाज में किसी तरह की कोई कमी नही छोड़ी थी, परिवार ने इनके इलाज के लिए पैसा भी अंधाधुंध बहाया। इसके बाद भी गीताबाई को बचाया नही जा सका। गीताबाई के जाने के बाद परिवार टूट चुका था। जिसके चलते परिवार के सभी शख्स गम में डूब गए और दिन रात गीताबाई की याद में खोए रहने लगे।

पत्नी की याद में बनवाया शानदार मन्दिर, मन्दिर में पत्नी की मूर्ति को करवाया स्थापित, जानिए दिलचस्प कहानी
पत्नी की याद में बनवाया शानदार मन्दिर, मन्दिर में पत्नी की मूर्ति को करवाया स्थापित, जानिए दिलचस्प कहानी

फिर एक दिन बच्चों के दिमाग मे मां का मंदिर बनाने का विचार आया उन्होंने अपने पिता को भी इस विचार के बारे में बताया और पिता की सहमति से उन्होंने मंदिर बना दिया मां की प्रतिमा बनने को दे दी और एक महीने बाद मां की प्रतिमा बन कर आ गई ओर मंदिर तैयार हो गया,और अब बच्चो और पति की आंखों के सामने हर समय उनकी माँ और पत्नी है,जिससे उन्हें अब इनकी कमी का अहसास ना हो ।

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