दोस्तों कहते हैं अगर सच्चा प्यार किया है तो अपने साथी से नियति भी हमें अलग नहीं कर सकती। वैसे प्यार मोहब्बत के कई सारे किस्से आए दिन हमें सुनने को मिलते हैं। लेकिन कुछ किस्से ऐसे होते हैं जिन्हें सुनकर सच में दिल भर आता है।
राजस्थान के नागौर जिले से एक ऐसा मामला सामने आया है जहां पर पति की मौत के बाद पति का शव देखकर पत्नी ने भी अपने प्राण त्याग दिए। यह खबर जैसे ही गांव वालों को पता चली तो पूरा गांव चौक उठा। दोनों पति-पत्नी का एक साथ एक ही चिता पर अंतिम संस्कार कराया गया। दोनों की अंतिम यात्रा में पूरा गांव शामिल हुआ।
इस वजह से हुआ निधन
बता दें कि यह घटना बीते रविवार को घटित हुई है। राजस्थान के नागौर जिले के रुण गांव में रहने वाले 78 वर्षीय राम नारायण सेन को सांस लेने में काफी दिक्कत हो रही थी। इसलिए उन्हें नागौर के अस्पताल में भर्ती करवाया गया।
नागौर अस्पताल में उनकी हालत काफी ज्यादा क्रिटिकल हो गई जिसके बाद उन्हें जोधपुर के अस्पताल में भर्ती करवाया गया। लेकिन नियति को उनकी मौत ही करवानी थी इसलिए रविवार के दिन रामनारायण का निधन हो गया। राम नारायण का निधन होने के बाद उन्हें अपने घर लाया गया। जैसे ही नारायण सेन का पार्थिव शरीर उनके घर लाया गया तो पूरा परिवार शोक में डूब गया।
पति का शब्द एक पत्नी ने भी त्याग दिए प्राण
लेकिन राम नारायण की पत्नी भंवरी देवी को सबसे बड़ा सदमा लगा। अपने पति के शव को सामने पड़ा देख भंवरी देवी को इतना बड़ा सदमा लगा कि उनके भी प्राण निकल गए। जैसे ही भंवरी देवी की सांसे रुक गई तो सभी लोग काफी ज्यादा परेशान हो गए।
लेकिन सात जन्मों का रिश्ता निभाने की बात सात फेरे लेते समय भंवरी देवी और रामनारायण में एक दूसरे से कही थी जिसे उन्होंने अंतिम सांस तक निभाया और दोनों पति-पत्नी एक साथ दुनिया को छोड़ कर चले गए। दोनों के निधन की खबर गांव में आग की तरह फैली और सभी लोग काफी आश्चर्यचकित हुए।
बेटियों ने दीया माता पिता की अर्थी को कंधा
बता दें कि भंवरी देवी और राम नारायण की शादी को 58 साल बीत चुके थे। इतना लंबा विवाहित जीवन दोनों ने कहा कि खुशहाली के साथ बिताया। बताया जाता है कि दोनों के बीच काफी गहरा प्यार था और दोनों एक दूसरे के साथ काफी खुश रहते थे। दोनों की 2 बेटियां थी। दोनों बेटियों की शादी हो चुकी है। माता पिता के निधन के बाद दोनों बेटियों ने ही अपने माता पिता की अर्थी को कंधा दिया। दोनों पति-पत्नी के पार्थिव शरीर को एक ही चिता पर लेटा कर अंतिम संस्कार किया गया। दोनों के अंतिम संस्कार में पूरा गांव उमड़ पड़ा था।