दोनो पैर न होने के बावजूद इस शख्स ने पूरी की यूके के सबसे बड़े पर्वत की चढ़ाई

दोनो पैर न होने के बावजूद इस शख्स ने पूरी की यूके के सबसे बड़े पर्वत की चढ़ाई

एक कहावत है ‘जब हौसला बुलंद हो तो कोई भी कार्य अशम्भव नही होता’ अगर आपके मन मे कुछ कर गुजरने की इच्छा शक्ति हो तो इंसान कुछ भी कर सकता है। आज हम आपको एक ऐसे ही सख्श के बारे में बताने जा रहे जिसकी दोनो टांगे नही है इसके बाद भी इस शख्स ने दुनियाभर में एक मिशाल कायम की है जिसपर हर कोई हैरान है। इस सख्श का नाम पॉल एलिश है और ये 57 साल के है । दोनो पैर गवाने के बाद एलिश ने यूके के सबसे बड़े पहाड़ की चढ़ाई पुरी की है और वो भी 57 साल की उम्र में ये जानकर सब लोग हैरान है।

दोनो पैर न होने के बावजूद इस शख्स ने पूरी की यूके के सबसे बड़े पर्वत की चढ़ाई
दोनो पैर न होने के बावजूद इस शख्स ने पूरी की यूके के सबसे बड़े पर्वत की चढ़ाई

एलिश ने अपने दोस्तों के साथ मिलकर इस अशम्भव से सफर को अंजाम दिया है। जी हां! पॉल एलिश ने यूके के बेन नेविस की चढ़ाई रेंगकर कर पूरी की। ये पर्वत यूके के सबसे ऊंचे पर्वतों में शुमार है।

 

दोनो पैर न होने के बावजूद इस शख्स ने पूरी की यूके के सबसे बड़े पर्वत की चढ़ाई
दोनो पैर न होने के बावजूद इस शख्स ने पूरी की यूके के सबसे बड़े पर्वत की चढ़ाई

इस यूके के पर्वत की ऊंचाई 4 हजार 413 फीट है। पॉल ने सिर्फ 12 घण्टे में इस चढ़ाई को फतह किया। इस पर्वत पर पॉल ने रेंगकर चढ़ने का फैसला लिया। दोनो पैर गंवाने के बाद जिस तरह से पॉल ने ये कारनामा करके दिखाया उसे देखकर सब लोग हैरान है। चेशायर के विडंस में रहने वाले पॉल दो बच्चो के पिता है। ये कारनामा करने के बाद पॉल ने बताया कि ये काम मेरे और मेरे चाहने वाले के लिए बहुत मुश्किल भरा काम था। इस चढ़ाई को पूर्ण करने के बाद उनके घुटने और कमर में सूजन आगई।

लोगो को आकर्षित करने के लिये किया ये कारनामा

दोनो पैर न होने के बावजूद इस शख्स ने पूरी की यूके के सबसे बड़े पर्वत की चढ़ाई
दोनो पैर न होने के बावजूद इस शख्स ने पूरी की यूके के सबसे बड़े पर्वत की चढ़ाई

पॉल ने ये चढ़ाई बड़ी मुश्किल से रेंग रेंगकर पूरी की। पॉल ने इस चढ़ाई कप पूरा करने के मकसद को बताया तो सब लोग ये कारण जानकर हैरान रह गए। पॉल ने बताया कि जब वो चढ़ाई को पूरा कर रहे थे तब वो काफी उदास होकर मन ही मन रोने लगे गए। लेकिन उनके आँसू इस मुकाम में बाधा न बने इसलिए उन्होंने ये आँशु आंखो से बाहर न आने दिए।

इसके बक़द उन्होंने हिम्मत नही हारी और लगातार इस चढ़ाई को पार करने के लिए दम लगाते दिखे। पॉल के साथ मौजूद दोस्तो ने बताया कि एक बार भी पॉल को देखकर ये नही लगा कि वो थक रहा है या उसे इस चढ़ाई को चढ़ते हुए कुछ असहज महसूस हो रहा हो। ऐसा कुछ भी नही था। पॉल के इस जज्बे को देखकर हम लोग हैरान थे। और पॉल ने इस चढ़ाई को ऐसे पूरा किया जैसे एक स्वस्थ इंसान जवानी के दिनों में आसानी से इस कार्य को पूरा करता है।

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