देर रात लड़की का हुआ पैट्रोल खत्म डिलीवरी बॉय ने किया चौकाने वाला काम

देर रात लड़की का हुआ पैट्रोल खत्म डिलीवरी बॉय ने किया चौकाने वाला काम

एक लड़की ने LinkedIn पर साझा किया है कि एक स्विगी डिलीवरी बॉय ने कैसे देर रात सड़क के बीच में फसी स्कूटी का पैट्रोल खत्म होने के बाद उसकी और उसके भाई की मदद की।

देर रात लड़की का हुआ पैट्रोल खत्म डिलीवरी बॉय ने किया चौकाने वाला काम
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अमूमन जब हम ऐसी मुसीबत में फस जाते है जिसका हमें अंदेशा भी नही होता तो कई बार कुछ लोग हमारे लिए भगवान बनकर आते है और हमे उस परिस्थिति से निकालने में मददगार साबित होते है। कई बार जब कोई सुनसान या ऐसे इलाके में फस जाता है जहाँ दूर दूर तक कोई दिखाई नही देता तो हमारे अंदर डर की वो आहट पैदा होने लगती है।

ऐसी ही एक कहानी के बारे में हम आज आपको बताने जा रहे है। जिसे पढक़र आपको एक बार फिर से इंसानियत पर विश्वास होने लगेगा।
मामला मुंबई का है।

अक्षिता चंगन ने लिंक्डइन पर साझा किया कि कैसे एक स्विगी डिलीवरी बॉय (Swiggy Delivery Boy) ने उनकी और उनके भाई की बाइक के पेट्रोल खत्म होने के बाद आधी रात को सड़क के बीच में फंसे उनकी मदद की.

आधी रात खत्म हुआ अक्षिता की स्कूटी का तेल खत्म बहन भी थी साथ

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दरअसल अक्षिता की स्कूटी का तेल खत्म होने के बाद एक स्विगी डिलीवरी बॉय रोशन दलवी की नजर इस स्कूटी पर पड़ी। और इन्होंने इन दोनों भाई बहन की मदद की। अक्षिता ने अपने linkedIn अकॉउंट पर साझा की गई पोस्ट में कहा है कि, रोशन ने कैसे रात की परवाह किये बगैर कैसे उनकी मदद की।

डिलीवरी बॉय रोशन ने पेश की इंसानियत की मिशाल

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अक्षिता ने लिखा, ‘तापमान करीब 17 डिग्री था और घड़ी में 12 बजकर 15 मिनट हो रहे थे. मेरी बाइक अचानक पेट्रोल खत्म होने के कारण बीच में रुक गई. एक खामोश रात में कोई यात्री नहीं दिख रहा था, बस मैं और मेरा भाई कुछ मदद के लिए सड़क के किनारे इंतजार कर रहे थे जब तक कि हमें एक डिलीवरी बॉय अपने मोबाइल फोन पर पते की जांच करते हुए नहीं मिला. मेरे भाई ने मदद के लिए उनसे संपर्क किया और उन्हें हमारी बाइक खींचने के लिए कहा, जिस पर उन्होंने मना कर दिया और कहा, ‘सर, मैं दूसरी तरफ जा रहा हूं और मुझे डिलीवरी के लिए देर हो सकती है.’

अक्षिता ने आगे बताया, ‘उसने हमसे पानी की एक बोतल मांगी, लेकिन दुर्भाग्य से, हमारे पास कोई बोतल नहीं थी इसलिए उसने अपना डिलीवरी बैग उतारा और अपनी पानी की बोतल खाली कर दी. वह अपने घुटनों पर बैठ गया और अपनी बाइक से पेट्रोल निकालना शुरू कर दिया ताकि हम इसका इस्तेमाल कर सकें. उस पेट्रोल की मदद से हम करीबी पेट्रोल पंप तक पहुंच सके. मैं उसके व्यवहार से अचंभित थी, वह हमारे लिए एक फरिश्ता था, एक आदमी अपने ग्राहक को खाने के जरिए मुस्कान देने के लिए जा रहा था, और काम के दौरान रास्ते में उसने हम पर दया की. मैंने व्यक्तिगत रूप से इन डिलीवरी नायकों के मुस्कान देने के बारे में बहुत कुछ पढ़ा है, लेकिन कल मैं वास्तव में इसे देखने के लिए भाग्यशाली थी.’

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