चुनाव में हार जाने के बाद भी कर रहे अपना वादा पूरा, केवल 1 वोट से हार चुके हैं चुनाव

एक सामान्य सोच आम लोगों की बनी हुई है कि राजनेता बड़े ही मतलबी लोग होते हैं। राजनीति एक दलदल है और उस दलदल में केवल राजनेता ही पनप सकता है और सामान्य व्यक्ति उस दलदल से कभी ऊपर नहीं उभर सकता।

चुनाव में हार जाने के बाद भी कर रहे अपना वादा पूरा, केवल 1 वोट से हार चुके हैं चुनाव
चुनाव में हार जाने के बाद भी कर रहे अपना वादा पूरा, केवल 1 वोट से हार चुके हैं चुनाव

राजनेताओं के बारे में एक सामान्य सोच यह भी है कि वह अपने द्वारा किया गया वादा कभी पूरा नहीं करते। चुनाव प्रचार के दौरान राजनेता जनता से बड़े-बड़े वादे करते हैं और फिर बाद में चुनाव जीतने के बाद अपने द्वारा किया गया वादा भी भूल जाते हैं और जो राजनेता लोगों के घर पर वोट मांगने जाते थे वह अब लोगों के गांव में भी दिखाई नहीं देते।

 

परंतु हम आपको एक ऐसे राजनेता के बारे में बताने जा रहे हैं जिसने चुनाव प्रचार के दौरान किए गए अपने वादों को पूरा करने के लिए हार और जीत का अंतर नहीं देखा और चुनाव में हार जाने के बावजूद भी लोगों को किए गए अपने वादों को पूरा करने के लिए आगे आया।

चुनाव में हार जाने के बाद भी कर रहे अपना वादा पूरा, केवल 1 वोट से हार चुके हैं चुनाव
चुनाव में हार जाने के बाद भी कर रहे अपना वादा पूरा, केवल 1 वोट से हार चुके हैं चुनाव

जी हां दोस्तों यह बात सुनकर आपको काफी हैरानी हो रही होगी कि कोई राजनेता चुनाव में हार जाने के बाद भला क्यों लोगों के काम करने के लिए आगे बढ़ेगा परंतु आंध्र प्रदेश के धवले पटा गांव के रहने वाले श्रीराममूर्ति ने स्वयं के पैसों को खर्चा करके लोगों को किए गए वादों को पूरा किया।

 

दरअसल आंध्र प्रदेश के धवलेपटा गांव के रहने वाले श्री राममूर्ति एक बुजुर्ग व्यक्ति हैं। श्रीराममूर्ति के एक गांव धोले पटा में बीते कुछ दिन पहले ही सरपंच के चुनाव आयोजित किए गए थे। श्रीराममूर्ति भी इस चुनाव में हिस्सा लेने के लिए काफी मजबूती से तैयारी कर रहे थे। चुनाव में जीत के लिए अन्य राजनेताओं की तरह श्रीराममूर्ति भी लोगों से वादे कर रहे थे। चुनाव प्रचार के दौरान श्रीराममूर्ति ने अनेक लोगों को कई प्रकार के वादे किए। उन्हीं लोगों में से एक थे काडानागा रामुलू। रामुलू की आर्थिक परिस्थिति बहुत ही खराब थी।

रामुलू के परिवार में उनकी पत्नी चार बेटियां और एक बेटा समेत कुल 6 सदस्य रह रहे हैं। रामउलू पिछले 10 वर्षों से कच्चे मकान में ही रह रहे हैं। जब श्री राम मूर्ति चुनाव प्रचार करते करते गांव में रामुलू के घर पर पहुंचे तो उन्हें रामुलू की हालत देखकर काफी दया आई। श्रीराममूर्ति ने उसी समय रामुलू से यह वादा कर दिया कि यदि वे चुनाव जीतकर आएंगे तो रामुलू को पक्का मकान बनवा कर देंगे। परंतु जब श्रीराममूर्ति चुनाव में केवल 1 वोट से हार गए तब राम उन्होंने पक्का मकान बनवाने का जो सपना देखा था उस उम्मीद पर उन्हें पानी फिरता नजर आया।

लेकिन श्रीराममूर्ति ने अपने द्वारा किया गया वादा निभाते हुए रामुलू को 3 लाख रुपए में उनका घर बनवा कर दिया। श्री राम मूर्ति के द्वारा निभाए गए वादे की गांव में सभी लोग काफी प्रशंसा कर रहे हैं और कुछ लोगों को इस बात से दुख भी हो रहा है कि श्रीराममूर्ति जैसे ईमानदार व्यक्ति चुनाव हार कैसे गए।

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