सामान्य रूप से आम जनता की बहुत ही सामान्य धारणा होती है कि आईएएस अफसर यानी जिले का कलेक्टर जोकि अपने कार्य क्षेत्र का मालिक होता है और मालिक होने की हैसियत से वह केवल अपने दफ्तर में ही बैठकर कार्यभार चलाता है। कई मायनों में देखने पर लोगों की यह सामान्य धारणा सही भी दिखाई देती है। क्योंकि कई ऐसे IAS अफसर होते हैं जो लोगों के बीच जाकर काम करना पसंद नहीं करते और अपने दफ्तर के ही भीतर बैठे बैठे काम करते हैं।
परंतु हम जिस आईएएस अफसर के बारे में इस लेख में आपको बताने जा रहे हैं उनका काम करने का तरीका देखने पर लोगों की यह आम धारणा पूर्ण तरह बदल जाएगी।
उत्तर प्रदेश के चंदौली के ज्वाइंट मजिस्ट्रेट आईएएस अफसर प्रेम प्रकाश मीणा एक ऐसे अफसर है जो लोगों के घर घर जाकर उनकी समस्या को सुनते हैं और तुरंत ही उनकी समस्या का हल ढूंढने का प्रयास करते हुए निर्णय भी सुनाते हैं।
प्रेम प्रकाश मीणा के काम करने के इस अनोखे तरीके की उस इलाके में रहने वाले सभी नागरिक काफी सराहना करते हैं और कहते हैं कि जनता के सेवक को इसी प्रकार जनता के बीच आकर उनके समस्या समझना और उसका हल निकालना चाहिए। प्रेम प्रकाश मीणा ने अब तक ऐसे 800 मामले को घर घर जाकर सुलझाया है। जिसके लिए उनके काम की काफी प्रशंसा की जा रही है।
दरअसल प्रेम प्रकाश मीणा अपने कार्य क्षेत्र में न्याय आपके द्वार नाम की एक मुहिम चला रहे हैं। जिसके तहत वे अपने कार्य क्षेत्र में बसे हुए सामान्य लोगों के घर पर जाकर उनसे उनकी समस्या सुनते हैं और उस पर हल निकालने का प्रयास करते हैं। प्रेम प्रकाश मीणा अपने इलाके में लोगों की प्रॉपर्टी से संबंधित समस्याएं और अतिक्रमण से जुड़ी हुई समस्याएं सुलझा कर सामान्य जनता को उचित न्याय दिलाने का प्रयास करते हैं।
प्रेम प्रकाश मीणा के द्वारा चलाई जा रही यह अनोखी मुहिम सही अर्थ में सफल भी हो रही है और इस मुहिम से लोगों को समुचित न्याय भी मिल रहा है।
बीते 14 अक्टूबर को प्रेम प्रकाश मीणा ने अपने इलाके में एक ही दिन में कुल 16 मामले सुने और उस पर अपना निर्णय भी सुनाया और मामलों का हल निकाल दिया। प्रेम प्रकाश मीणा राजस्थान के अलवर जिले के रहने वाले हैं।
उन्होंने जयपुर से केमि’कल इंजीनियरिंग की और अपनी स्ना’तक की डिग्री प्राप्त करने के बाद वह आईआईटी मुंबई से एमटेक करने के लिए गए। आईआईटी मुंबई से एमटेक की पढ़ाई खत्म करने के बाद तुरंत ही प्रेम प्रकाश मीणा ने यूपीएससी की तैयारियां शुरू कर दी और अपनी बुद्धि का उपयोग करते हुए उन्होंने पहले ही प्रयास में यूपीएससी की परीक्षा पास कर ली। उन्हें ऑल इंडिया रैंक 900 प्राप्त हुआ। परंतु वे अपने इस बैंक से संतुष्ट नहीं थे इसलिए उन्होंने फिर एक बार यूपीएससी की परीक्षा देने का तय किया और अगली बार उन्हें ऑल इंडिया रैंक 102 प्राप्त हुआ और वे उत्तर प्रदेश कैडर में चयनित हुए।