आज के आधुनिक युग में जैसे-जैसे टेक्नोलॉजी का विस्तार होता जा रहा है वैसे वैसे छोटे-छोटे बच्चों में विविध प्रकार की प्रतिभाएं भी विकसित होते जा रही हैं। आए दिन हम खबरों में देखते आते हैं कि छोटे-छोटे बच्चे असाधारण काम करके दिखाते हैं और ऐसे कारनामे करते रहते हैं जिन्हें देखकर के बड़े बड़ों की आंखें बड़ी हो जाती है। कई बार तो कुछ छोटे बच्चों में ऐसे गुण विकसित हो जाते हैं जो गुण किसी बड़े व्यक्ति में भी इतनी जल्दी विकसित नहीं हो पाते।
ऐसे ही एक असामान्य बच्चे के बारे में इस लेख में हम आपको बताने जा रहे हैं जो कि बहुत ही अधिक प्रतिभाशाली है और इस बच्चे की बुद्धि बहुत ही तेज है।
जी हां दोस्तों आपको जानकर हैरानी होगी कि इस बच्चे की उम्र केवल 5 वर्ष है। इस बच्चे का नाम हितेन कौशिक है और यह दिल्ली के कन्हैया नगर का रहने वाला बच्चा है। जानकारी के मुताबिक इस बच्चे की बुद्धि गूगल के जैसे ही तेज हैं।
इस बच्चे को जो भी प्रश्न पूछा जाए वह इस प्रश्न का बहुत सटीक उत्तर देता है। बताया जाता है कि यह बच्चा केवल 3 वर्ष की आयु में ही इतना प्रतिभाशाली हो चुका था और उसके माता-पिता को उसके गुण पहचान में आने लगे थे। इस बच्चे की प्रतिभा को देखते हुए हर कोई आश्चर्यचकित हो जाता है कि इतनी कम उम्र में कोई बच्चा इतनी सारी चीजें कैसे याद रख सकता है परंतु यह आश्चर्य’चकित कर देने वाला काम वास्तविकता में हुआ है।
इस बच्चे की अनोखी प्रतिभा को देखते हुए इस बच्चे का नाम इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में भी शामिल किया गया है। जानकारी के मुताबिक यह बच्चा इतना प्रतिभाशाली है कि इसे भारत के अब तक के सारे राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ओं के नाम याद है। इतना ही नहीं इस बच्चे को विश्व के 70 से अधिक देशों की जानकारियां प्राप्त है।
इस बच्चे को अंतरिक्ष सौरमंडल और आकाशगंगा सहित महाद्वीपों के भी नाम याद है। इस बच्चे को भारतीय संवि’धान की प्रस्तावना भी याद है और कई देशों की राजधानियां और बोली भाषाएं पाठ हैं। बच्चे की ऐसी अनन्य साधारण प्रतिभा को देखते हुए दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने भी बच्चे की काफी सराहना की है।
दिल्ली के उप मुख्य’मंत्री मनीष सिसोदिया ने स्वयं इस बच्चे से भेंट कर इसकी प्रतिभा की प्रशंसा की है और मनीष सिसोदिया ने यह आश्वासन भी दिया है कि इस बच्चे को बहुत ही जल्दी राजकीय सम्मान दिया जाएगा। हितेन कौशिक नाम के इस 5 वर्षीय बच्चे के पिता ने बताया कि जब वह केवल 3 वर्ष का था तब से ही अनोखे गुणों से भरपूर था।
वह मंदिर में जाता था तो वहां पर चल रहे भजन कीर्तन को तुरंत याद कर लेता था। इतना ही नहीं इस बच्चे ने संस्कृत के कई सारे श्लोक और शिव तांडव स्तोत्र भी मुख पाठ कर लिया है। हाल ही में इस बच्चे का दाखिला दिल्ली के सर्वोदय बाल विद्यालय में कराया गया है परंतु बीते वर्ष से लोग डाउन चला आने के कारण स्कूल अभी भी खुल नहीं पाई है इसलिए बच्चा घर में ही पढ़ाई कर रहा है।