गलती से ट्रांसफर हुए किसान के खाते में 15 लाख रुपये, मोदी ने भेजे होंगे ये सोचकर बनाया घर।
केंद्र सरकार ने किसानों के लिए जब जन-धन खाते खुलवाने का आग्रह किया था तो सरकार का लक्ष्य यही था कि किसानों को सीधे तौर पर लाभ दिया जाए। इसके बाद यह क्रम आगे बढ़ गया। इसी बीच महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले से जान धन खाते का एक बेहद मजेदार मामला सामने आया है। यहां के रहने वाले एक किसान के जान धन खाते में गलती से पंद्रह लाख रुपये पहुंच गए, इसके बाद वह हुआ जिसकी कल्पना शायद बैंक के अधिकारियों को भी नहीं रही होगी।
बात साल 2014 के लोक सभा चुनाव प्रचार के दौरान की है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनता को सम्बोधित करते हुए कहा था कि काला धन वापस आएगा और लोगों के खाते 15 लाख आएंगे। हालांकि देश में दो बार भाजपा सरकार बनने के बावजूद भी जनता के बैंक खाते में 15 लाख रुपए नहीं आये और मोदी जी का वादा महज वादा ही बनकर रह गया जो शायद अब कभी पूरा नही हो पायेगा।
इस बीच एक खबर महाराष्ट्र के औरंगाबाद के पैठण से ताल्लुक निवासी ज्ञानेश्वर ओटे के मोदी द्वारा खुलवाए गए धन जन खाते में अचानक 15 लाख रुपये आ गए। खाते में पैसे आने के बाद ज्ञानेश्वर को लगा कि लो जी मोदी जी ने 2014 में किया अपना वादा पूरा कर दिया।
इस बीच ज्ञानेश्वर ने अपना घर बनाने का काम शुरू करवा दिया। और बैंक से 9 लाख रुपये निकाल कर घर बनवा लिया। इसके बाद ज्ञानेश्वर ने बिना किसी शख्स को बताए मोदी जी चिट्ठी लिख कर मोदी जी को ध्यानवाद बोलते हुए उनका आभार व्यक्त किया। pm मंत्रालय में जब ये चिट्ठी पहुंची तो मामला सामने आ गया।
बैंक कर्मचारियों की चूक की वजह से ट्रांसफर हुए थे 15 लाख
असल मे हुआ ये था ये पैसे पिंपलवाड़ी ग्राम पंचायत के खाते में भेजे जाने थे। लेकिन बैंक कर्मियों की चूक की वजह से ये पैसे गलती से ज्ञानेश्वर ओटे के खाते में ट्रांसफर हो गए। इस दोरान जब बैंक को अपनी इस चूक का एहसास हुआ तो बैंक ने ज्ञानेश्वर ओटे के घर नोटिस भेजा।
बैंक ने नोटिस में बताया कि उन्होंने गलती से ज्ञानेश्वर ओटे के जन धन खाते में 15 लाख रुपए ट्रांसफर कर दिए थे, ऐसे में ज्ञानेश्वर को गलती से ट्रांसफर हुई रकम को बैंक को लौटाना होगा। लेकिन ज्ञानेश्व ने 9 लाख रुपए खर्च करके घर बनवा लिया था, लिहाजा बैंक ने उसे बकाया रकम वापस करने का आदेश जारी किया है।
वहीं ज्ञानेश्वर ओटे के बैंक अकाउंट में जो 6 लाख रुपए बचे हुए थे, बैंक के आदेश के बाद ज्ञानेश्वर ने वो रकम बैंक को वापिस करदी है। हालांकि बैंक अधिकारियों की गलती की वजह से ज्ञानेश्वर ओटे के लिए समस्या खडी हो गई है, क्योंकि उनके पास बैंक को लौटने के लिए 9 लाख रुपए नहीं है। अब ये देखना दिलचस्प होगा कि ऐसे परिस्थितियों में क्या बैंक ज्ञानेश्वर के घर मे खर्च हुए 9 लाख माफ करता है ये कोई एक्शन लेता है। ज्ञानेश्वर ने बताया है कि उनकी कोई गलती नही है वो सरकार से आग्रह करेंगे कि इस राशि को माफ किया जाए।