कंधे पर राशन लाद’कर 8 किलोमीटर पैदल चल कर विद्यार्थियों को मिड डे मील पहुंचाते हैं यह शिक्षक

ऐसा कहा जाता है कि शिक्षक सामान्य नहीं होता। प्रलय और निर्माण उसकी गोद में पलते हैं। शिक्षकों के हाथ में ही देश का भविष्य निर्माण करने का प्रमुख उत्तरदायित्व होता है। इसलिए हम समझ सकते हैं कि एक राष्ट्र निर्माण में शिक्षक की भूमिका कितनी महत्वपूर्ण हो सकती है। हम आए दिन कई ऐसे शिक्षकों के बारे में सुनते हैं जो कि अपने विद्यार्थियों को पढ़ाने के लिए पूर्ण रूप से समर्पित होकर कार्य करते हैं।

काफी विपरीत परिस्थितियों में होने के बावजूद भी कई ऐसे शिक्षक है जो अपने विद्यार्थियों को पढ़ाने का काम नहीं छोड़ते। कुछ शिक्षक तो ऐसे होते हैं जो मुफ्त में ही बच्चों को पढ़ाने का सराहनीय कार्य करते रहते हैं।

कंधे पर राशन लादकर 8 किलोमीटर पैदल चल कर विद्यार्थियों को मिड डे मील पहुंचाते हैं यह शिक्षक
कंधे पर राशन लादकर 8 किलोमीटर पैदल चल कर विद्यार्थियों को मिड डे मील पहुंचाते हैं यह शिक्षक

छत्तीसगढ़ के बलरामपुर से ऐसी ही एक खबर सामने आई है। छत्तीसगढ़ के बलरामपुर में दो शिक्षक रोजाना आठ 8 किलोमीटर पैदल चलकर जंगल से होते हुए स्कूल पहुंचते हैं। यह दोनों शिक्षक खाली हाथों स्कूल नहीं पहुंचते बल्कि स्कूल में बच्चों के लिए मिड डे मील का राशन भी इन दोनों शिक्षकों के कंधों पर लदा हुआ होता है।

रास्ते में चलते समय इन दोनों शिक्षकों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। जंगल में पगडंडि’यों के सहारे पथरीले रास्ते और बीच में नदी नाले से होकर गुजरते यह शिक्षक रोजाना अपने इस काम को पूरी ईमानदारी के साथ करते हैं।

कंधे पर राशन लादकर 8 किलोमीटर पैदल चल कर विद्यार्थियों को मिड डे मील पहुंचाते हैं यह शिक्षक
कंधे पर राशन लादकर 8 किलोमीटर पैदल चल कर विद्यार्थियों को मिड डे मील पहुंचाते हैं यह शिक्षक

जानकारी के अनुसार यह स्कूल पहाड़ी इलाके में जंगल में स्थित है। प्रमुख शहर से स्कूल तक पहुंचने के लिए पक्की सड़क का निर्माण अभी तक नहीं हो पाया है इसलिए दोनों शिक्षकों को और स्कूल के बच्चों को भी जंगल से होकर स्कूल पहुंचना पड़ता है। परंतु बावजूद इसके यह दोनों भी शिक्षक रोज अपने कंधे पर राशन की थैलियां लेकर स्कूल पहुंचते हैं। इन शिक्षकों से बातचीत करने पर उन्होंने बताया कि “हमारी कोशिश है कि गांव के छात्रों को मिड डे मील मिले। हम सरकार से गांव तक पहुंचने वाली सड़क का निर्माण करने की दरख़्वास्त करते हैं।”

कंधे पर राशन लादकर 8 किलोमीटर पैदल चल कर विद्यार्थियों को मिड डे मील पहुंचाते हैं यह शिक्षक
कंधे पर राशन लादकर 8 किलोमीटर पैदल चल कर विद्यार्थियों को मिड डे मील पहुंचाते हैं यह शिक्षक

इन दोनों शिक्षकों का नाम सुशील यादव और पंकज बताया जा रहा है। दोनों शिक्षकों के द्वारा किए जा रहे इस सराहनीय कार्य की खबर जैसे ही जिले के शिक्षण अधिकारी के पास पहुंची तो उन्होंने भी इस माम’ले पर सं’ज्ञान लिया और दोनों ही शिक्षकों की सराहना करते हुए कहा कि “मैंने माम’ले पर संज्ञा’न लिया है। हमारे 2 शिक्षक सुशील यादव और पंकज वहां पोस्टेड हैं।

वो पीडीएस दुकान से मिड डे मील का राशन लेकर गांव के स्कूल तक पहुंचाते हैं। ये स्कूल पहाड़ों के बीच है। मैं उनके काम को सैल्यूट करता हूं।” आज के समय में देश का भविष्य निर्माण करने वाले सभी शिक्षकों को इन दोनों शिक्षकों से प्रेरणा लेने की सख्त आवश्यकता है।

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