ऐसी महिला जो बन सकती थी वकील, लेकिन बनी भारत की पहली महिला ट्रक ड्राइवर, जानिए बड़ी वजह

ऐसी महिला जो बन सकती थी वकील, लेकिन बनी भारत की पहली महिला ट्रक ड्राइवर, जानिए बड़ी वजह

अगर महिला ड्राइवर की बात की जाए तो आपकी सोच सिर्फ ये सोचकर सीमित हो जाएगी कि एक महिला स्कूटी ड्राइवर या कार ड्राइविंग कर सकती है। लेकिन आज जिस महिला के बारे हम आपको बताने जा रहे है उस महिला की कहानी बड़ी दिलचस्प है।

ऐसी महिला जो बन सकती थी वकील, लेकिन बनी भारत की पहली महिला ट्रक ड्राइवर, जानिए बड़ी वजह
ऐसी महिला जो बन सकती थी वकील, लेकिन बनी भारत की पहली महिला ट्रक ड्राइवर, जानिए बड़ी वजह

भोपाल की रहने वाली योगिता रघुवंशी एक ऐसी महिला है जिन्होंने वकालत की हुई है। लेकिन वो ट्रक चलाती है। योगिता रघुवंशी को ट्रक चलाते हुए कई तस्वीरें सोशल मीडिया पर भी वाय*रल हो रही है।

योगिता चाहती तो वो एक क्वालिफाइड वकील बनकर भी अपना जीवन व्यतीत कर सकती थी।
लेकिन उन्हीने वकीक न बनकर ट्रक ड्राइवर बनना चुना।भारत मे अमूमन 99 प्रतिशत पुरुषों को ही ट्रक चलाते हुए देखा जाता है।

ऐसी महिला जो बन सकती थी वकील, लेकिन बनी भारत की पहली महिला ट्रक ड्राइवर, जानिए बड़ी वजह
ऐसी महिला जो बन सकती थी वकील, लेकिन बनी भारत की पहली महिला ट्रक ड्राइवर, जानिए बड़ी वजह

भारत मे ट्रांसपोर्ट का ज्यादातर काम ट्रकों द्वारा ही किया जाता है।भारत मे यातायात व्यवस्था कतई लचर है इसलिए भीड़भाड़ भरे शहरों से माल से लदे ट्रकों को ले जाना बहुत मुश्किल भरा काम होता है।लेकिन, योगिता रघुवंशी ने इस सोच को ही खत्म कर दिया कि सिर्फ पुरूष ही ट्रक ड्राइव कर सकते है।

योगिता का पालन पोषण महाराष्ट्र के नंदुरबार में हुआ। वह एक साधारण जीवन जीती है। 4 भाई बहनों में से योगिता बी सबसे ज्यादा पढ़ी लिखी महिला थी जिन्होंने कॉमर्स से स्नातक की और फिर बाद में लॉ की डिग्री हासिल की।

ऐसी महिला जो बन सकती थी वकील, लेकिन बनी भारत की पहली महिला ट्रक ड्राइवर, जानिए बड़ी वजह
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घरवालों ने योगिता की तरह ही उनके लिए दूल्हा ढूंढा, योगिता के पति भी पेशे से एक वकील है।
इस दम्पत्ति के 2 बच्चे भी है जिनका नाम यशिका और यशवीन है।मां बनने के बाद ये परिवार खुशि से अपनी जिंदगी व्यतित कर रहा था लेकिन इस बीच इनके जीवन मे सबसे बड़ा दुखो का पहाड़ टूट पड़ा जिसमे योगिता के पति की मृत्यु हो गईं
इस घटना ने योगिता की जिंदगी बदल कर रख दी। सारे परिवार की जिम्मेदारी उनके सर पर आ गई। इस बीच उन्हें आर्थिक तंगी से भी जूझना पडा। विपरीत परिस्थितियों में भी योगिता ने हार नही मानी। और वकालत करने के बाद वकील बन गई। वकील बनने के बाद सफल होना इतना भी आसान नही था।

योगिता ने बताया कि उनके पति वकील होने साथ साथ अपना ट्रांसपोर्ट का काम भी संभालते थे।
उनका ट्रांसपोर्ट का ठीकठाक बिजनेस भी था। योगिता को ट्रांसपोर्ट व्यवसाय का भी बहुत सहारा मिला और उन्होंने निर्णय लिया कि खुद ट्रांसपोर्ट का व्यवसाय संभालेगी।उन्होंने जिस ड्राइवर को रखा था वो मात्र 4 महीने में भाग गया।इसके बाद योगिता ने खुद स्टेयरिंग संभालने का जिम्मा लिया और बखूभी अपना व्यवसाय सम्भाल रही है।

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