उत्तर प्रदेश के चुनाव आ चुके हैं और इस चुनाव में सीट बंटवारे को लेकर भारतीय जनता पार्टी की काफी किरकिरी हो रही है। कई सारे मौजूदा विधायकों के टिकट कटने से बहुत सारे पार्टी के कार्यकर्ताओं में नाराजगी है। लेकिन लखनऊ के सरोजनी नगर विधानसभा सीट पर अलग ही किस्सा देखने को मिल रहा है। लखनऊ संसदीय क्षेत्र में आने वाली सरोजिनी नगर विधानसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी की मौजूदा विधायक स्वाति सिंह है और स्वाति सिंह योगी आदित्यनाथ सरकार में मंत्री भी है।
लेकिन आगामी विधानसभा चुनाव में स्वाति सिंह के प्रति दया शंकर सिंह चाहते हैं कि वह सरोजिनी नगर विधानसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़े।
पहली बार स्वाति सिंह जीती थी उस सीट से
बता दें कि दयाशंकर सिंह काफी लंबे समय से भारतीय जनता पार्टी के सक्रिय नेता रहे हैं लेकिन साल 2016 में बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती के ऊपर गलत बयानबाजी को लेकर बहुजन समाज पार्टी के कार्यकर्ताओं ने दयाशंकर सिंह का काफी विरोध जताया था जिसके बाद दयाशंकर सिंह को भारतीय जनता पार्टी ने अपने दल से निष्कासित कर दिया था।
इसलिए साल 2017 के विधानसभा चुनाव में दयाशंकर सिंह की जगह पर उनकी पत्नी स्वाति सिंह को राजनीति में लाया गया और उन्हें सरोजिनी नगर सीट से टिकट दिया गया और वे भारी बहुमत से विजई भी हुई।
पर अब उनके पति चाहते हैं टिकट
चुनाव लड़ने से पहले स्वाति सिंह हाउस वाइफ की और उन्हें राजनीति के बारे में कुछ भी जानकारी नहीं थी। लेकिन अचानक राजनीति में प्रवेश और भारी बहुमत से जीत के बाद जब वे मंत्री पद पर आसीन हुई तो स्वाति सिंह को भी एक आत्म विश्वास हुआ कि वह भी राजनीति में अपनी पकड़ जमा सकती है। वही दयाशंकर सिंह का कहना है कि जब पार्टी ने उन्हें अपने दायित्व से निष्कासित कर दिया था ऐसे में उनके सभी कार्यकर्ताओं ने स्वाति सिंह के लिए चुनाव में काफी मेहनत की थी इसीलिए स्वाति सिंह जीत कर आई।
विवादित बयान को लेकर हुए विवाद के ठंडे होने के बाद अब साल 2018 में भारतीय जनता पार्टी ने दयाशंकर सिंह को वापस पार्टी में ले लिया और उन्हें राज्य इकाई का उपाध्यक्ष बना दिया। इसलिए अब दयाशंकर सिंह चाहते हैं कि भारतीय जनता पार्टी उन्हें लखनऊ के सरोजनी नगर विधानसभा सीट से टिकट दे। वही इस विषय पर स्वाति सिंह ने अभी तक कोई बयान नहीं दिया है।
लेकिन उनकी चुप्पी भी यह कह रही है कि सरोजिनी नगर से वे खुद लड़ना चाहती है लेकिन दयाशंकर सिंह उस विधानसभा से खुद के लिए टिकट मांग रहे हैं। ऐसे में अब देखना होगा कि आखिर यह विवाद कैसे सुलझता है।