दोस्तों हम सभी जानते हैं कि संघ लोक सेवा आयोग यानी यूपीएससी की परीक्षा पास करना माउंट एवरेस्ट चढ़ने के समान है। बावजूद इसके प्रति वर्ष लाखों अभ्यार्थी इस परीक्षा को पास करने के लिए मेहनत और लगन से तैयारी करते हैं और जी जान एक कर देते हैं। दिन-रात यूपीएससी की तैयारी करने वाले अनेकों विद्यार्थी है परंतु इतनी मेहनत करने के बावजूद भी इसमें विद्यार्थी आसानी से चयनित नहीं हो पाते। हालांकि कई ऐसे विद्यार्थी होते हैं जो अपने पहले ही प्रयास में यूपीएससी की परीक्षा पास कर जाते हैं।
कई बार हमने देखा होगा कि एक ही घर के सगे भाई बहन या बहने यूपीएससी की परीक्षाएं एक साथ पास कर लेती है। ऐसी ही दो बहनों के बारे में हम आपको इस लेख में बताने जा रहे हैं।
बीते महीने ही यूपीएससी 2020 के नतीजों की घोषणा की गई। इस बार यूपीएससी में चयन होने वाले कई अभ्यर्थी ऐसे हैं जो की बहुत ही सामान्य परिवार से आते हैं या फिर कुछ में अन्य अन्य विशेषताएं निहित है। यूपीएससी 2020 में रैंक वन प्राप्त करने वाले शुभम कुमार बिहार से आते हैं। वही हम आपको इस बार यूपीएससी में तीसरी रैंक प्राप्त करने वाली अंकिता जैन और 21 वी रैंक प्राप्त करने वाली वैशाली जैन के बारे में बताने जा रहे हैं।
यह दोनों सभी बहने हैं और दोनों ने एक साथ यूपीएससी पास करके सभी को चौंका दिया। हालांकि इन दोनों की रैंक में काफी अंतर है परंतु दोनों ने एक साथ समान मेहनत करते हुए ही इतनी बड़ी सफलता प्राप्त करके अपना और अपने परिवार का नाम रोशन कर दिया।
जानकारी के मुताबिक अंकिता और वैशाली दोनों सगी बहने एक ही नोट्स में से पढ़ाई किया करती थी। दोनों का आपस में काफी अच्छा सहयोग था। दोनों ही बहने एक दूसरे को काफी सपोर्ट करती थी और हिम्मत देती थी। दोनों ही बहने बचपन से ही पढ़ने लिखने में काफी होशियार थी और दोनों की बुद्धि काफी तेज थी।
बात की जाए अंकिता की तो उन्होंने अपनी 12वीं कक्षा पूरी करने के बाद दिल्ली के टेक्नोलॉजिकल इंस्टीट्यूट से कंप्यूटर साइंस में बीटेक किया और अपना ग्रेजुएशन कंप्लीट करने के तुरंत बाद ही उन्होंने एक नौकरी ज्वाइन कर ली। परंतु इसी दौरान अंकिता ने यूपीएससी की भी तैयारी शुरू कर दी।
यूपीएससी की तैयारी मजबूती के साथ करने पर अंकिता ने पहली बार साल 2017 में परीक्षा दी परंतु दुर्भाग्य से इतनी मेहनत करने के बावजूद भी पहले प्रयास में अंकिता विफल रही। परंतु उन्होंने मेहनत करना नहीं छोड़ी और वे पुनः अगले वर्ष यूपीएससी की परीक्षा के लिए तैयार हो गई। इस बार उन्होंने परीक्षा तो पास कर ली परंतु उन्हें मनचाहा रैंक प्राप्त नहीं हुआ इसलिए उन्होंने फिर एक बार प्रयास करना चाहा। इसी बीच उन्हें डीआरडीओ से भी नौकरी के लिए कॉल लेटर आया परंतु अंकिता ने अपना टारगेट केवल यूपीएससी रखा था।
इसलिए उन्होंने डीआरडीओ की तरफ ना जाते हुए यूपीएससी की ही तैयारी जारी रखी। इस बार प्रयास करने पर अंकिता पास तो हो गई परंतु इस बार भी उन्हें मनचाहा रैंक प्राप्त नहीं हो पाने पर वे पुनः एक बार परीक्षा देने के लिए तैयार हुई।
साल 2019 में अंकिता मैं जब फिर एक बार यूपीएससी की परीक्षा दी तो वे प्रीलिम्स भी क्लियर नहीं कर पाई परंतु उनके हौसले नहीं डगमगाए। अंततः साल 2020 में वह समय आया जब अंकिता को उनके सपनों की सफलता मिल ही गई।
इस बार अंकिता ने ऑल इंडिया रैंक 3 प्राप्त कर ली और वह कर दिखाया जो वह चाहती थी। वही बात की जाए अंकिता की छोटी बहन वैशाली जैन की तो वह भी भारतीय रक्षा मंत्रालय के तहत IES के पद पर तैनात थी परंतु अपनी बहन के साथ साथ वह भी यूपीएससी की तैयारी किया करती थी। साल 2020 में ही उन्होंने भी ऑल इंडिया रैंक 21 प्राप्त करके सभी को चौंका दिया। इसी के साथ दोनों सगी बहनों ने एक साथ यूपीएससी पास करते हुए एक अनोखी मिसाल कायम की। आज के समय में हर विद्यार्थी के लिए अंकिता और वैशाली एक आदर्श के रूप में प्रस्थापित हुई।
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