एक भिखारी गले मे QR कोड डालकर निकला,लोगो से बोला छुट्टे नही है तो करो UPI.
विश्व के विकसित देशो में भारत को लाने के लिए भारत सरकार द्वारा किया गया एक प्रयास यानि डिजिटल भारत प्रोग्राम। इस योजना का मुख्य उदेश्य देश को विज्ञान और टैकनोलजी के क्षेत्र में सशक्त रूप से आगे बढ़ाकर भारत को डिजिटल बनाना है। इस युग मे आजकल सभी लोग डिजीटल टेक्नोलॉजी का ज्यादा इस्तेमाल कर रहे है, लेकिन क्या आपने कभी सोचा होगा कि भिखारी में इस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करेंगे? शायद आपका जवाब नही होगा। लेकिन एक ऐसा ही मामला बिहार के बेतिया जिले से सामने आ रहा है यहां के एक भिखारी ने क्यू आर कोड के जरिये भीख मांगना शुरू करदी है।अक्सर आपने कई बार देखा भी होगा कि ज्यादातर लोगों भिखारियों को यर कहकर टाल देते थे कि ‘छुट्टे नही है भाई’।
राजू नाम का भिखारी भी रोजमर्रा की ज़िंदगी मे ऐसे लोगो का सामना करता था। जहां उसे ऐसे लोग डैली मिलते थे जो ये कहकर टाल देते की। की ‘छुट्टे पैसे नही है’.
इस टेंशन से निजात पाने के लिए राजू को एक उपाय सुझा। और एक दिन उसने बैंक में जाकर अपना खाता खुलवाया। इसके बाद उसने इस अकॉउंट को यूपीआई से लिंक करवाया। अब राजू इस रजिस्टर्ड बैंक अकॉउंट के QR कोड को गले मे डालकर लोगो से कैश की जगह कैशलैस पेमेंट स्वीकार करता है।
वहां के लोग बताते है राजू दिमाग तौर पर पूरी तरह से स्वस्थ नही है।राजू अक्सर लोकल एरिया के बस स्टॉप, रेलवे स्टेशन के आसपास भींख मांगता है। जिससे उसका गुजर बसर चलता है।
भले ही भारत को आज 75 साल से ज्यादा समय गुजर चुका है। इसके बावजूद भारत की एक बड़ी आबादी का हिस्सा गरीबी के साये में जीवन गुजार रहा है जो कि एक चिंता का विषय है। इन सबके बीच सवाल उठना लाजमी है बड़े बडे वादे करने के नाम पर कब तक सरकारे वोट मांगती रहेगी।