एक गांव ऐसा भी, सिर्फ कुंडी लगाकर घूमने चले जाते हैं इस गांव के लोग, जानिए दिलचस्प वजह
इस जमाने मे बढ़ते अपराध और क्राइम जैसी घटनाओं से डर के लोग अपने घरों में लॉक लगाते हैं, लेकिन हिंदुस्तान में एक ऐसा भी गांव है जहां के लोग घरों में ताला नही लगाते है।
दुनियां में 99 प्रतिशत लोग जब भी अपने घरों को छोड़कर जाते हैं तो उसमें लॉक लगाना नहीं भूलते, इस बीच एक गांव ऐसा भी है जहां अपने घरों के दरवाजे पर ताला नहीं लगाते. ये पढ़कर आप सोच रहे होंगे कि क्या कोई घर में घुसकर न जाने कितना नुकसान न कर लेगा? आज हम बताते हैं कि इसके पीछे का क्या कारण है. राजस्थान के कोटा संभाग के बूंदी जिले में एक ऐसा गांव है, जहां पर लोग बिना किसी डर के रहते हैं.
ये गांव बूंदी के केशवपुरा है लोगों को विश्वास है कि उनके गांव में चोरी या क्राइम जैसी चीजें होना अशम्भव है. लोग जब भी कही जाते हैं तो वह अपने घरों में ताला नहीं लगाते. इस गांव के लोगों का कहना है कि इस गांव में कई सालों से आपराधिक मामला सामने नही आया है।
गांव के लोगो का मानना है कि इस गांव में है राम राज्य
इस गांव के लोग भाईचारे के साथ मिलजुलकर रहते हैं और पशुपालन आदि करते हैं. स्थानीय लोगों का मानना है कि यहां राम राज्य है और अगर कभी छोटा-मोटा विवाद हो भी जाता है तो कोर्ट, कचहरी के चक्कर लगाने के बजाय आपस में मिल-जुलकर मामला निपटा लेते है.
खबर के अनुसार, बूंदी जिला से करीब 20 किमी की दूरी पर केशवपुरा गांव बसा है और इस गांव में करीब एक हजार लोगों की आबादी है. गुर्जर, माली और मेघवाल समाज के लोग इस गांव में अपना जीवन बिना किसी फिक्र के काट रहे हैं. ऐसा कहा जाता है कि इस गांव में चोरी, लूट, डकैती, हत्या और बलात्कार जैसी घिनौनी घटनाएं आज तक नही हुई है।
बिना ताला लगाए घूमने चले जाते है इस गांव के लोग
इस गांव के हर घर के लोग बिना किसी फिक्र के शादी विवाह या किसी जरूरी काम से जाते है तो वो दरवाजा बन्द करके ही जाते है इस गांव का कोई भी सदस्य अपने घर का ताला नही लगाता। यहां के रहने वाले लोगों में क्राइम का कोई भी बिना डर नहीं है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, गांव के थाने में किसी भी तरह का केस दर्ज नहीं है. जो भी शिक्षक पढ़ाने के लिए यहां आता है, गांव के लोगों की तारीफ करते नहीं थकते।
राजस्थान में केशवपुरा गांव के अलावा दबलाना थाना इलाके के टोपा, गैंडोली थाने के हरजीपुरा, डाबी थाने के श्योपुरिया, रतनपुरिया, देवगढ़, शोरिया व बिरमपुरा, बसोली थाने के सुखविलास और खंडेरिया गांवों के लोगों का भी ऐसा ही दावा है.