आखिर कैसे रातों-रात एक ऑटो रिक्शा चलाने वाला बन गया करोड़पति

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कहते हैं ऊपर वाले के घर में देर है अंधेर नहीं। जब ऊपर वाले की मर्जी होगी तो आपके दिन रात और रात पलट जाएंगे। और यह भी कहते हैं कि जब ऊपर वाला देता है तो छप्पर फाड़कर देता है। ऐसे ही छप्पर फाड़ कर एक ऑटो रिक्शा चलाने वाले के घर में धन वर्षा हुई है।

आखिर कैसे रातों-रात एक ऑटो रिक्शा चलाने वाला बन गया करोड़पति
आखिर कैसे रातों-रात एक ऑटो रिक्शा चलाने वाला बन गया करोड़पति

ऑटो रिक्शा ड्राइवर ने जीवन में कभी सोचा नहीं होगा कि एक दिन उसकी किस्मत इतनी चमक जाएगी की उसकी रोशनी हर तरफ दिखाई देगी। केरल के रहने वाले एक ऑटो रिक्शा ड्राइवर को बंपर लॉटरी लगी है जिसके कारण और रातों-रात करोड़पति बन गया और अब उसकी और उसके परिवार की खुशियों में चार चांद लग गए।

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केरल के कोच्चि जिले में रहने वाले ऑटो रिक्शा ड्राइवर जयपालन बहुत की सामान्य जीवन व्यतीत कर रहे थे। जयपालन की आर्थिक परिस्थिति उतनी ठीक नहीं थी इसलिए वह ऑटो रिक्शा चला कर अपने परिवार का पेट पाल रहे थे। जय पालन सुबह शाम ऑटो रिक्शा चलाकर पैसे कमाते और अपना दैनंदिन गुजारा कर लेते। जयपालन ने इसी को अपना जीवन मान कर आगे बढ़ना सीख लिया था और जीवन में कुछ नया करने की उम्मीद उनके पास नहीं थी। परंतु जयपालन को अपनी किस्मत पर काफी यकीन था इसलिए वे हमेशा से लॉटरी का टिकट खरीदने के शौकीन रहे।

आखिर कैसे रातों-रात एक ऑटो रिक्शा चलाने वाला बन गया करोड़पति

इसी दौरान बीते 10 सितंबर के दिन जयपालन ने केरल के त्रिपुनित्तूरा से एक लॉटरी का टिकट खरीदा मोहन लॉटरी 12 करोड़ इन आम वाली थी। हमेशा की तरह जयपालन लॉटरी खरीदते इस उम्मीद में कि किसी ना किसी दिन उनकी किस्मत चमक जाएगी। परंतु अब तक तो जयपालन की किस्मत ने उनका साथ नहीं दिया लेकिन वह नहीं जानते थे कि आने वाला समय उनके दिनों को बदल देगा। यहां लॉटरी केरल की ओणम बंपर लॉटरी थी और इस ड्रॉ का नतीजा तिरुअनंतपुरम से घोषित किया गया। कुल 54 लाख लोगों के द्वारा खरीदी गई इस लॉटरी का नतीजा घोषित किया गया।

 

जय पालन नेवी जैसे ही ओणम बंपर लॉटरी का नतीजा देखा तो वह हैरान रह गए। जयपालन ने जो टीई 645465 नंबर की लॉटरी खरीदी थी वही नंबर नतीजे में सामने आया और जय पालन को कुल 12 करोड़ की लॉटरी लग गई। जयपालन यह खबर अपने परिवार वालों को सुनाई तो वह भी काफी खुश हुए। बता दें कि जयपालन को लॉटरी के कुल राशि में से केवल 7 करोड़ ही मिलेंगे। बचे हुए 5 करोड़ जयपालन को केरल लॉटरी निदेशालय के पास टैक्स के रूप में जमा करवाने होंगे। इस बात की जानकारी स्वयं केरल राज्य के लॉटरी निदेशालय ने सार्वजनिक की है।

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